मुबाहिसा : राजेन्द्र मौर्य : जी ग्रुप के सुभाष चंद्रा भी विजय माल्या की राह पर
मुबाहिसा : राजेन्द्र मौर्य राहुल के साथ प्रियंका गांधी राहुल गांधी के राजनीति में सक्रिय होने के 15 वर्ष बाद प्रियंका गांधी की विधिवत एंट्री ऐसे अवसर पर हुई है जब सोनिया गांधी सक्रिय राजनीति से धीरे-धीरे अलग होती जा रही हैं। ऐसे में माना यही जा सकता है कि प्रियंका गांधी जहां राहुल गांधी की सहयोगी बनेंगी वहीं, वह अपनी मां सोनिया गांधी की रिक्तता को भरने का काम भी करेंगी। कुछ लोग उनको इंदिरा गांधी के रूप में देख रहे हैं। इसमें साफ तौर पर समझ लेना चाहिए कि इंदिरा गांधी एक इतिहास हो चुकी हैं। मौजूदा पीढ़ी पर इंदिरा गांधी की कोई छाप नहीं दिखती है। ऐसे में इंदिरा गांधी के नाम, उनकी छवि को लेकर प्रियंका गांधी को कोई बहुत बड़ा लाभ मिलेगा, इसकी बहुत कम गुंजाइश दिखती हैं। हां, प्रियंका गांधी की जो अपनी मिलनसार कार्यशैली है उससे यदि उन्होेंने राहुल गांधी तरह ही अपने को आम जनमानस से जोड़कर काम किया तो उसका भरपूर लाभ उन्हें मिलेगा और भारत में महिलाओं में भी वह अपनी एक अच्छी पकड़ बनाने में कामयाब हो जाएंगी। वह कांग्रेस के लिए कितना वोट बटोरने में कामयाब होंगी, इसको लेकर...