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Showing posts from January 29, 2012
गंगा में कीड़े मैं कुछ दिन उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में रहा। संगम स्नान के लिए गया, लेकिन वहां  गंगा  की दशा देख काफी दुखी हुआ।  वहां  का पानी काफी  गंदा था और उसमें कीड़े रेंग रहे  थे।  मैंने इस दशा के बारे में लोगों से पूछा तो बताया कि इलाहाबाद महानगर की गंदगी भरे सभी नालों का पानी गंगा में डाला जा रहा है, जिससे गंगा की  दशा बद बदतर होती जा  रही है। लोग मान्यता के अनुसार संगम में स्नान के  लिए आस्था लेकर आते जरूर हैं, लेकिन इस दशा को देखकर बिना स्नान किए ही लौट जाते हैं। पिछले दिनों स्वीट्जरलैंड के एक राजनेता के आने की बाबत भी कुछ लोग कह रहे थे कि वह खुद जहां संगम में हिम्मत करके स्नान किए वहीं उनकी पत्नी ने गंगा की दशा पर दुख जताते हुए स्नान करने से मना कर दिया।  समय-समय पर सरकार की ओर से गंगा  को लेकर तमाम अभियान चलाए जाते हैं, लेकिन ऐसे में ये अभियान कभी सफल होंगे, इसकी उम्मीद करना ही बेकार है। मैं हरिद्वार में अक्सर जाता रहता हूं, वहां हर की पौड़ी पर स्नान करके जो असीम शांति मिलती है काश ‌इलाहाबाद के संगम में वह अनुभव हो...
शोक में डूबा लोकतंत्र उत्सव इन दिनों देश के पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब. गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। इस चुनावी दौर में न कहीं शोर-शराबा है और न ही कहीं झंडा बैनर दिखाई दे रहे हैं। वाहनों का भी कहीं पता नहीं चल रहा है। इस माहौल को देखकर लग रहा है कि लोकतंत्र का यह उत्सव शोक में डूबा हुआ है। मैं खुद जहां इन दिनों उत्तर प्रदेश के कई जिलों में घूमा वहीं पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा के अपने साथियों से फोन आदि पर संपर्क होने पर वहां के हालात पता लग रहे हैं। चुनाव आयोग की सख्ती ने इस उत्सव को पूरी तरह फीका कर दिया है। प्रत्याशियों का पूरा ध्यान इस बात पर लगा है कि किस तरह आयोग की कार्रवाई से बचा जा सके।