सुस्वागतम भाई जी सुब्बाराव
 
   लगभग दो माह अमेरिका में अपनी  शांति-सद्भावना यात्रा पूरी कर भाई जी सुब्बाराव कल दिल्ली (भारत) वापिस पधारे।  मैं कल उनसे फोन पर वार्ता कर उनकी कुशलक्षेम पूछताछ  व स्वागत करने से इसलिए वंचित रह गया कि मैंने सोचा कि अमेरिका से लौटने पर वे थकावट से भरे व  जेट लेग से पीड़ित होंगे जैसा कि मैं खुद अमेरिका से लौटकर अब चार दिन तक  इन सभी बीमारियों से पीड़ित हूँ, पर आज सुबह उनके सहयोगी व परम् प्रिय साथी संजय  राय से बात से पता चला कि यह 91 वर्षीय युवा आज कोटा के लिए रवाना होंगे  जहां उनके दो कार्यक्रम हैं फिर भोपाल, औरंगाबाद, जौरा होते हुए 11 सितंबर  को दिल्ली लौटेंगे जहाँ एक 8 दिवसीय शिविर का मार्गदर्शन करेंगे। मैं तो  पूरी तरह से असमंजस में हूं कि कैसे वे ये सब कुछ करेंगे ?  पर ऐसा तो हो  रहा है। शायद यह ही योगियों का कर्म योग और भगवान कृष्ण का स्थितप्रज्ञ  लक्षण, जिसमें व्यक्ति के अनुसार शरीर चलता है न कि शरीर के अनुसार वे।  ऐसे दिव्य शांति यात्री का अभिनंदन ।  भारत लौट आए राम मोहन राय की कलम से साभार।    
