नेहरु के आखिरी कुछ दिन अ पने निधन के ठीक पांच दिन पूर्व जवाहरलाल नेहरु ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी| लम्बे सार्वजानिक जीवन की अंतिम (22 मई 1964) थी| उस शुक्रवार को उनकी काबीना के सूचना, प्रसारण एवं संसदीय कार्य मंत्री डॉ. सत्यनारायण सिन्हा काफी आकुल थे| प्रधान मंत्री का स्वास्थ्य क्लांत था| फालिज का अंदेशा था| सभागार में जमा करीब दो सौ संवाददाता कई प्रश्न पूछने को उतावले थे| पहला प्रश्न कश्मीर पर था| प्रधान मंत्री ने ऐलान किया कि जेल से रिहा किये गए शेख मोहम्मद अब्दुल्ला “परसों इस्लामबाद जा रहे हैं| मार्शल मोहम्मद अयूब खान से वार्ता करेंगे|” फिर कुछ अन्य विषयों पर भी सवाल हुए| उनमें अंतिम था कि : “पण्डित जी, आपने रिटायरमेंट के बारे में क्या सोचा है?” उत्तर सधा हुआ था : “जब भी यह प्रश्न पूछा जाता है, मैं रिटायरमेंट की सोचने लगता हूँ !” अगला जुड़ा हुआ प्रश्न था: “आराम करने कहीं पहाड़ पर जा रहे हैं क्या ?” नेहरु का जवाब था: “कल देहरादून जाऊंगा|” मगर गढ़वाल हिमालय से वे शीघ्र दिल्ली लौट आये| फिर 27 मई की प्रातः 4:30 बजे उनके ह्रदय की महाधमनी (Aorta) फट गई| कठिनाई...