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Showing posts from January 13, 2022

UP election mayawati BJP Sapa priyanka Gandhi

 माया खोयी, राम छूटे, तो पाया क्या मौर्या जी ? के. विक्रम राव            चुनाव आया। दलबदल प्रक्रिया चालू हो गयी। मानों दोनों जुडवा हों ! घाघरा—चोली की मानिन्द। इतिहास देखें। पार्टी पलटने के एक माननीय विधायक हुए थे। आदि पुरुष थे। होडल (पलवल) हरियाणा के। इन्दिरा—कांग्रेस पार्टी में थे। नाम था श्री गया लाल। चौदह दिनों में तीन बार (1967) पार्टी बदली। सर्वप्रथम कांग्रेस (आई) के टिकट पर जीते। अगले सप्ताह जनता पार्टी में प्रविष्ट हुए। फिर मात्र नौ घंटे बाद घर (कांग्रेस) लौटे। तभी राव वीरेन्द्र सिंह ने चण्डीगढ़ मीडिया के समक्ष उन्हें पेश किया कि ''घर वापसी हो गयी।'' घोषणा भी कर दी कि विधायक गयालाल जहां थे वहीं अडिग, अविचल है। सरकार भी बन गयी। मगर गयालाल के नाम में अनुलग्न जुड़ गया 'आयाराम—गयाराम'' वाला।           अर्थात गयालाल जी गयाराम से फिर आयाराम बन गये। यह घिनौनी सियासी मौकापरस्ती पनपती रही, जबतक राजीव गांधी (1985) ने दलबदलू अवरोधक कानून संसद में पारित नहीं कराया। तभी यह प्रक्रिया अवरुद्ध तो हुयी। मगर विधानसभा अध्यक्षों ने, जैसे भाजपा के पंडित केशरीनाथ त्रिपाठी