कश्मीर में शांति हो इसकी हम सब को कामना है परन्तु कश्मीर का अर्थ कोई भू भाग न होकर वहां की जनता है इसलिये चिंता कश्मीर की यानी कश्मीरियों की हो क्योंकि वे भी उतने ही राष्ट्रभक्त हिंदुस्तानी है जितने की हम । और यदि ऐसा नही होता तो सन 1948 से अबतक हम कश्मीर को अपने साथ नही रख पाते। हर कश्मीरी न तो पाकिस्तान परस्त है ,न ही आतंकवादी और न ही पत्थरबाज और कार्यवाही होनी चाहिए तो ऐसे को खिलाफ हो न कि कश्मीर में रहने वाले हर भारतीय के । महत्वपूर्ण यह है कि कश्मीर में रह रही भारतीय जनता का किस तरह दिल जीता जाए? भारी फौज को वहाँ भेजने का प्रयोग असफल रहा । हर राजनैतिक दल द्वारा येन केन प्रकारेण सरकारें बनाने के प्रयोग से कोई बात नही । एक लंबे अर्से तक राष्ट्रपति शासन लगा कर सीधे तौर पर केंद्रीय सरकार का शासन प्रयोग भी असफल रहा । राज्यपाल जगमोहन , ज0 एस के सिन्हा जैसे दमदार राष्ट्रवादी भी वहाँ राज्यपाल रहे परन्तु फिर भी कुछ नही कर पाये । अनेक वार्ताकार भी हो आये फिर भी नाकामयाबी चलो अब यह प्रयोग भी देख ले । याद रहे ये सब ऐसे रास्ते रहे जो जनता का दिल नही जीत पाए । एक मेरे युव...