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Showing posts from June 17, 2021

LJP : पारस बने लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, चिराग गुट ने नकारा

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 पारस बने लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, चिराग गुट ने नकारा प टनाः पूर्व सांसद सूरजभान के आवास पर हुई लोक जनशक्ति पार्टी (पारस गुट) की बैठक में पूर्व अनुमानति पशुपति कुमार पारस को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया है, जिसको चिराग पासवान गुट के नेताओं ने नकार दिया है। पार्टी नेताओं को कहना है कि पांचों सांसदों को पार्टी से निष्कासित किया जा चुका है, उनका लोजपा से अब कोई संबंध नहीं है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सह से पार्टी को कमजोर करने के ल‌िए पशुपत‌ि पारस को आगे करके यह पार्टी संविधान विरोधी कार्यवाही की गई है, जिसकी कोई कानूनी मान्यता नहीं है। पूर्व सांसद एवं चुनाव प्रभारी सूरजभान सिंह के पटना में कंकड़बाग टीवी टॉवर स्थित आवास पर पारस गुट की बैठक आयोजित की गई, जिसमें पहले पशुपति पारस ने नामांकन दाखिल किया। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पशुपति पारस के नाम पर सांसदों ने एकमत से सहमति जताई। पार्टी कार्यालय में चुनावी प्रक्रिया नहीं होने से भी सवाल उठ रहे हैं, इस पर पारस गुट का कहना है कि कोरोना को देखते हुए कार्यकारी अध्यक्ष के आवास पर बैठक बुलाई गई। पार्टी कार्यकर्

LJP : राजू तिवारी बने बिहार लोजपा के अध्यक्ष

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 राजू तिवारी बने बिहार लोजपा के अध्यक्ष चिराग पासवान और चाचा पशुपति पारस के बीच पार्टी के मालिकाना हक को लेकर विवाद छिड़ा है। पांच सांसदों को अपने पाले में करके पशुपति पारस ने पार्टी की कमान अपने हाथों में लेने का मूड बनाया हुआ है। विवादों के बीच चिराग पासवान ने राजू तिवारी को बनाया बिहार LJP का अध्यक्ष घोषित कर दिया है। लजेपी में टूट के बाद जारी सियासी घमासान के बीच चिराग पासवान ने बड़ा फैसला लिया है. चिराग ने पार्टी नेता राजू तिवारी को बिहार एलजेपी की जिम्मेदारी सौंपी है. चिराग पासवान ने पत्र जारी कर इस बात की जानकारी दी है. बतौर एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने पत्र जारी कर कहा, " राजू तिवारी, मुझे आपको लोक जनशक्ति पार्टी का बिहार इकाई का प्रदेश अध्यक्ष मनोनीत करते हुए अत्यधिक प्रसन्नता हो रही है. मुझे विश्वास है कि आपके कुशल नेतृत्व द्वारा बिहार इकाई में लोक जनशक्ति पार्टी सुदृढ़ होगी." राजू तिवारी ; जिनके सहारे चाचा से निपटने की फिराक में चिराग बिहार में लोजपा के भीतर घमासान जारी है। चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति कुमार पारस के बीच खींचतान बढ़ती जा रही है। इस ब

Chirag Paswan Vs Paras : चिराग की मोदी का हनुमान बनाया रहने की कोशिश

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चिराग की अभी भी मोदी का हनुमान बने रहने की कोशिश लोजपा को भाजपा द्वारा तोड़े जाने पर भी नहीं खुली आंख लोजपा को तोड़ने में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा की भूमिका जब पूरी तरह से जगजाहिर हो चुकी है, तब भी लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान अपने को मोदी के हनुमान ही बने रहने की कोशिश में लगे हैं। पता नहीं उनको कौन इस बात की सलाह दे रहा है कि मोदी या भाजपा किसी भी तरह उनका साथ दे सकते हैं और इस संकट के दौर से उनको पूरे सम्मान के साथ बाहर निकाल सकते हैं।  चिराग पासवान ने मोदी का हनुमान बनकर बिहार में है विधानसभा चुनाव के दौरान तो अपनी शर्मनाक हार का सामना किया ही है लेकिन यहां भी लेकिन अब पार्टी दो फाड़ होने पर भी उनको मोदी की कोई मदद या सहारा नहीं मिलेगा, चूंकि  इसमें यदि थोड़ी भी राजनीतिक गुंजाइश होती तो शायद लोकसभा अध्यक्ष द्वारा पशुपति पारस समेत पांच सांसदों की चिट्ठी पर पशुपति पारस को सदन में लोजपा का नेता मानने में इतनी जल्दी नहीं दिखाई होती ? सभी जानते हैं बिहार विधानसभा चुनावों के दौरान चिराग पासवान ने खुद को हनुमान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राम कहा था। और अब

LJP : चिराग पासवान ने पारस समेत बागियों को किया निष्कासित

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 किसके हाथ में लोजपा की कमान, चिराग या पारस ?  लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) में चाचा-भतीजे की लड़ाई जारी है। चाचा पशुपति पारस ने पार्टी पर कब्जे की लड़ाई में बाजी मारी तो चिराग पासवान ने सभी बागियों को बाहर करने का फरमान जारी कर दिया। लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) में  दिल्ली से पटना तक चाचा-भतीजा के समर्थक सड़कों पर हैं. एलजेपी के अंदर जारी इस रस्साकस्सी पर संविधान एक्सपर्ट सुभाष कश्यप ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मैं पार्टी पर टिप्पणी नहीं करना चाहता, केवल कानूनी मुद्दे पर बात करूंगा, किसके पास पार्टी का नियंत्रण है और किसके पास किसी को निष्कासित करने का अधिकार है, यह पार्टी के संविधान पर निर्भर करता है, पार्टी के अधिकांश सदस्य ही पार्टी के नियंत्रण पर फैसला करेंगे। संविधान एक्सपर्ट सुभाष कश्यप के मुताबिक एलजेपी के टिकट पर चुनाव जीतने वाले सांसद/विधायक निष्कासन के बाद भी सदन में पार्टी के सांसद/विधायक के रूप में बने रह सकते हैं, पार्टी का नियंत्रण किसके पास है, यह तय करने के लिए उन्हें अदालत जाना पड़ सकता है, चुनाव आयोग को यह तय करना होगा कि पार्टी का चुनाव चिन्ह किसे मिलेगा। कश्यप का

Cricket : क्रिकेटर मांकड का सम्मान

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करिश्माई क्रिकेटर स्व. मांकड नवाजे गए !! के. विक्रम राव         यादों की परतें पलटिये। पटल पर क्रिकेट की घटनाओं को आरेखित कीजिये, फिल्मरोल के सदृश। वहां दिखेगा एक ठिगना, गोलमटोल बॉलर। बस दस डग दौड़ कर वह गेंद उछालता है। बैट्समैन हिट लगाने बढ़ा तो चूकेगा, स्टम्प आउट होगा। और कही मारा तो कैच आउट! तो ऐसे लुभावने गेंदबाज थे महान कप्तान वीनू मांकड। इनके नाम पर गत रविवार (13 जून) को इंग्लैण्ड के विस्डन्स हाल आफ फेम (कीर्ति कक्ष) में एक भव्य समारोह हुआ। उन्हें मान का स्थान दिया गया। प्रत्येक खिलाड़ी के जीवन की यह चरम हसरत होती है। जीते जी नहीं तो, मरणोपरांत ही सही ऐसा गौरव मिले।           मांकड की जन्मस्थली जामनगर के महाराजा रंजीत सिंह (उनके नाम से रणजी ट्रॉफी है) ही प्रथम भारतीय खिलाड़ी थे, जो सन 1900 में इस सम्मान को पा चुके थे। सचिन तेन्दुलकर को मिलाकर सिर्फ छह अन्य गत 130 वर्षों (1890 से) में सम्मानित हुये है। हालांकि मेरी यह पोस्ट पचास पार वालों के लिये अधिक बोधगम्य होगी। वर्ना संदर्भ की किताबें पढ़ें, क्योंकि भारत का पश्चिम—गुजराती (सौराष्ट्र के जामनगर) का यह आलमी क्रिकेटर अपनी प्रज्ञा