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Showing posts from April 18, 2020

Corona: महामारी में पीने का साफ पानी बेहद जरूरी

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को रोना महामारी के कारण लॉकडाउन के दौरान स्वच्छ पेयजल सुनिश्चित करना बेहद आवश्यक है। मामले की गंभीरता को देखते हुए भारत सरकार ने सभी राज्यों को स्वच्छ पीने के पानी की आपूर्ति की सलाह देते हुए विशेष रूप से पानी की आपूर्ति में कमीं हो और मेडिकल सैनिटाइज़र की सुविधा उपलब्ध नहीं होने वाले गांवों के लिए आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने समाज के कमजोर वर्गों को सर्वोच्च प्राथमिकता दिए जाने की सिफारिश की है, विशेषकर ऐसी जगहों पर लोगों का ध्यान रखने को कहा है, जो राहत शिविर, अस्पताल, वृद्धाश्रम, आश्रय स्थल, समाज के गरीब तबके के निवास स्थान एवं झुग्गी-झोपड़ी आदि में रह रहे हैं। इन स्थानों में पानी की आपूर्ति और सुरक्षित एवं शुद्ध पानी मुहैया कराने के लिए राज्य सरकारों के सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभागों / बोर्डों / निगमों को निर्देशित किया गया है। कोविड-19 बीमारी के प्रसार से निपटने के लिए बनाई गई जिलों की सूक्ष्म योजनाओं में पीने योग्य पानी की उपलब्धता को शामिल करने को बेहद जरूरी बताया है। साफ पानी की आपूर्ति के लिए शुद्धिकरण रसायन आवश्यक

ALS Ambulance : यूपी में योगी की एएलएस एंबुलेंस सेवा ने बचाई 1.83 लाख की जान

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सेवाभाव सीएम योगी आदित्यनाथ ने की थी 14 अप्रैल 2017 को एएलएस एम्बुलेंस सेवा की शुरुआत कोरोना महामारी के समय वरदान साबित हो रही एएलएस एंबुलेंस सेवा   उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) एंबुलेंस सेवा’ ने उत्तर प्रदेश में अपने संचालन के तीन वर्ष पूरे कर लिए हैं। अपने इस सफर में एएलएस एंबुलेंस सेवा ने प्रदेश के 183484 से अधिक अति गंभीर मरीजों की जान बचाई है। कोरोना महामारी के समय भी एएलएस सेवा अति गंभीर मरीजों की जान बचाने में वरदान साबित हो रही है। उत्तर प्रदेश में एंबुलेंस सेवा प्रदाता संस्था जीवीके ईएमआरआई के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट राजेश वाघमारे ने बताया कि प्रदेश में 108 एंबुलेंस और 102 एंबुलेंस सेवा पहले से चल रही थी, लेकिन बहुत बड़ी संख्या में मरीजों को गंभीर हालत में अस्पताल ले जाने या एक अस्पताल से दूसरे उच्च अस्पताल ले जाने के लिए वेंटीलेटर, डिफिब्रिलेटर व अन्य एडवांस जीवनरक्षक उपकरणों की आवश्यक्ता होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए वर्तमान प्रदेश सरकार ने 14 अप्रैल 2017 को प्रदेश में

corona : मीडिया में छंटनी और वेतन कटौती के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में PIL दाखिल

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को रोना महामारी के कारण सरकार द्वारा किए गए लॉकडाउन और मंदी के बहाने मीडिया में हो रही वेतन कटौती और छंटनी के खिलाफ़ पत्रकार संगठनों ने मिलकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है। नेशनल अलायंस आफ जर्नलिस्ट्स, दिल्ली यूनियन आफ जर्नलिस्ट्स और बृहन्मुंबई यूनियन आफ जर्नलिस्ट्स ने 16 अप्रैल को भारत की सर्वोच्च अदालत में नौकरियों की छंटनी और वेतन कटौती को चुनौती देते हुए यह याचिका दायर की है। पीआइएल में केंद्र सरकार, इंडियन न्यूज़पेपर सोसायटी और न्यूज़ ब्रॉडकास्टर असोसिएशन से अपील की गयी है कि वे सुनिश्चित करें कि मीडिया के मालिकान कोरोना और उसके कारण हुए लॉकडाउन को कर्मचारियों के उत्पीड़न का बहाना न बनावें और दुरुपयोग न करें। पीआइएल में कहा गया है कि इस दौर में जितनी भी नौकरियां गयी हैं, जितने इस्तीफ़े हुए हैं और जितने मीडियाकर्मियों के वेतन में कटौती की गयी है, सबको वापस लिया जाए।

Video : रिश्ते ही खुश जिंदगी का आधार

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