ALS Ambulance : यूपी में योगी की एएलएस एंबुलेंस सेवा ने बचाई 1.83 लाख की जान





सेवाभाव

  • सीएम योगी आदित्यनाथ ने की थी 14 अप्रैल 2017 को एएलएस एम्बुलेंस सेवा की शुरुआत
  • कोरोना महामारी के समय वरदान साबित हो रही एएलएस एंबुलेंस सेवा  
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) एंबुलेंस सेवा’ ने उत्तर प्रदेश में अपने संचालन के तीन वर्ष पूरे कर लिए हैं। अपने इस सफर में एएलएस एंबुलेंस सेवा ने प्रदेश के 183484 से अधिक अति गंभीर मरीजों की जान बचाई है। कोरोना महामारी के समय भी एएलएस सेवा अति गंभीर मरीजों की जान बचाने में वरदान साबित हो रही है।
उत्तर प्रदेश में एंबुलेंस सेवा प्रदाता संस्था जीवीके ईएमआरआई के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट राजेश वाघमारे ने बताया कि प्रदेश में 108 एंबुलेंस और 102 एंबुलेंस सेवा पहले से चल रही थी, लेकिन बहुत बड़ी संख्या में मरीजों को गंभीर हालत में अस्पताल ले जाने या एक अस्पताल से दूसरे उच्च अस्पताल ले जाने के लिए वेंटीलेटर, डिफिब्रिलेटर व अन्य एडवांस जीवनरक्षक उपकरणों की आवश्यक्ता होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए वर्तमान प्रदेश सरकार ने 14 अप्रैल 2017 को प्रदेश में इस महत्वाकांक्षी योजना की शुरूआत की थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं हरी झंडी दिखाकर 150 एंबुलेंस के साथ एएलएस सेवा का शुभारंभ किया था। बाद में जरूरत को देखते हुए 2019 में एएलएस सेवा में 100 और एंबुलेंस बढ़ाई गई। वर्तमान में इस सेवा के तहत प्रदेश में कुल 250 एएलएस एंबुलेंस संचालित की जा रही हैं। हर जिले में न्यूनतम दो एएलएस एंबुलेंस हैं, जबकि अधिक आबादी वाले जिलों में इनकी संख्या अधिक भी है।
राजेश वाघमारे के अनुसार इस सेवा का संचालन शुरू होने से 31 मार्च 2020 तक प्रदेश में लाभार्थियों का आंकड़ा 183484 से अधिक पहुंच चुका है। इनमें सड़क दुर्घटना (वाहन संबंधी) के 35109, हार्ट अटैक या कार्डियोवैस्क्युलर के 19264, सांस रोगों से संबंधित 21400, प्रसव से संबंधित 15651, बेहोशी के 5941, एक माह तक के बच्चों के 12910, मारपीट के 4876, आकस्मिक विषाक्तता के 4275 और अन्य आपातकालीन स्थितियों के 64058 मामले शामिल हैं। उन्होंने बताया कि जीवीके ईएमआरआई संस्था उत्तर प्रदेश में 102 एंबुलेंस सेवा और 108 एंबुलेंस सेवा का भी संचालन कर रही है।



  • कोरोना से संबंधित 950 मरीजों को पहुंचाया अस्पताल

कोरोना महामारी के समय भी एएलएस एंबुलेंस सेवा वरदान साबित हो रही है। राजेश वाघमारे के अनुसार गंभीर मरीज जो कोरोना से ग्रसित हैं या संदिग्ध मरीज हैं उनके लिए प्रदेश में अब तक 129 एएलएस आरक्षित की गई हैं, जिनसे अब तक 950 से अधिक संदिग्ध या पाॅजिटिव मरीजों को अस्पताल ले जाया गया है।

  • ये है सुविधा
एएलएस (एडवांस्ड लाइफ सपोर्ट) सेवा की एंबुलेंस सभी जीवनरक्षक उपकरणों से सुसज्जित है। इमजरेंसी के समय आवश्यक दवाओं सहित वेंटीलेटर, डिफिब्रिलेटर सहित अन्य उपकरणों की भी सुविधा है। मरीज को कोई दिक्कत होने पर एंबुलेंस में मौजूद ईएमटी मरीज को ऑक्सीजन देने के साथ ही काॅल सेंटर में बैठे डॉक्टर से संपर्क कर डॉक्टर के निर्देश पर मरीज को आवश्यक दवाएं भी देता है। गोल्डन आवर में सपोर्ट मिलने से बहुत से गंभीर रोगियों की जान बचाई जा रही है।


  • इन मामलों में सुविधा के ल‌िए तुरंत कॉल करें 108 पर

गंभीर सड़क दुर्घटना या हेड इंजरी, हार्ट अटैक, सांस लेने में तकलीफ, नवजात बच्चों से जुड़े गंभीर मामले, बर्न, जटिल प्रसव सहित अन्य प्रकार की किसी भी आपात कालीन समय में एएलएस एंबुलेंस सेवा का लाभ ले सकते हैं। अतिगंभीर मरीजों को घर से अस्पताल ले जाने के लिए और एक अस्पताल से दूसरे उच्च श्रेणी के अस्पताल ले जाने के लिए एएलएस एम्बुलेंस सेवा 24 घंटे उपलब्ध है। एएलएस सुविधा पाने के लिए 108 सेवा में काॅल करें। आवश्यक्ता होने पर सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। आवश्यक्ता पड़ने पर एएलएस एंबुलेंस मरीजों को दिल्ली एम्स, पीजीआई चंडीगढ़ भी ले जाती है।




  • साभारः नीरज गुप्ता, वरिष्ठ पत्रकार, दिल्ली।

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