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Showing posts from June 15, 2021

ISRAEL : मुसलमान और यहूदी की साझा सरकार

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मुसलमान और यहूदी की साझा सरकार के. विक्रम राव   त निक कल्पना कीजिये कि काशी और मथुरा में औरंगजेबी मस्जिदों को हटाकर पंथनिरपेक्षता हेतु शिवाला और कृष्ण मंदिर बनावाने की मुहिम कांग्रेस की सोनिया गांधी चलाये!! बहुसंख्यकों की आस्था का इस्लामी आक्रामकों द्वारा ऐतिहासिक दमन कांग्रेस अध्यक्ष खत्म करायें। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के पुरोधा जनाब जफरियाब जिलानी साहब सेक्युलर सिद्धांतों के हित में मुस्लमानों के लिये जनसंख्या नियंत्रण कानून बनवाने, तीन तलाक और शरियत के अन्य प्रावधानों के स्थान पर समान संहिता की मांग खुद बुलंद करने लगे तो?         कुछ ऐसा ही अभियान कल से यहूदी राष्ट्र इस्राइल में ''संयुक्त अरब सूची'' के 48—वर्षीय नेता जनाब मोहम्मद मंसूर अब्बास ने चलाने के संकेत दिये हैं। इतिहास में पहली बार इस कट्टर अरब मुस्लिम नेता ने अपने तीन निर्वाचित सांसदों के साथ अन्य यहूदी—पार्टियों से गले लगकर मिलीजुली सरकार बना ली है। पुराने दुश्मन बेंजामिन नेतनयाहू को 12 वर्षों बाद अपदस्थ करना ही इस वक्त इन अरब मुस्लिमों के रहनुमा का एकमात्र लक्ष्य है। इस्लामी दस्तूरों से भी कहीं ऊपर यह मकस

LJP AND CHIRAG PASWAN : चिराग ने पुराने पत्र से बागियों को दिखाया आईना

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 चिराग ने चाचा को लिखा पुराना पत्र किया जगजाहिर इस पत्र को पढ़कर कोई सहज ही अंदाजा लगा सकता है कि रामविलास पासवान के घर में उनके जीवित रहते ही अनबन शुरू हो गई थी। अतिमहत्वकांक्षी पशुपति पारस ने जो खेल खेला, उसकी नींव वह बहुत पहले जमा चुके थे और उचित वक्त के इंतजार में उन्होंने इसको अमली जामा पहनाने में समय लगा दिया। इस पत्र की इबारत को चिराग द्वारा जगजाहिर करने के पीछे कहीं न कहीं प्रिंस को भी होशियार करने की कवायद हो सकती है कि जिन पशुपति पारस के साथ वह गए हैं, वह तो उनके आगे बढ़ने में हमेशा बाधक रहे हैं। लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष बनने तक विरोध कर रहे हैं। ये पत्र आपको भी पढ़ने चाहिए, ताकि आप भी विवाद की गहराई तक पहुंच सकेंं। लोजपा पर चाचा पारस का कब्जा दिवंगत दलित नेता रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी पर उनके ही छोटे भाई हाजीपुर से सांसद पशुपति पारस ने कब्जा कर लिया है। पार्टी के पांच सांसदों की चिठ्ठी अपने पक्ष में लोकसभा स्पीकर को सौंपते पारस ने कहा है पार्टी सांसदों ने उनको अपना नेता और पार्टी ने उनको पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना है। पारस के साथ आए एलजेपी के पांच सा

Uttrakhand's Indira : एक बहादुर इंदिरा का बिछड़ना

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 एक बहादुर इंदिरा का बिछड़ना !! के. विक्रम राव         दक्ष शिक्षाविद्, हनकदार काबीना मंत्री, रौबीली नेता—प्रतिपक्ष, जुझारु ट्रेड यूनियनिस्ट, इन समस्त विशिष्टताओं के संवलित व्यक्तित्व का परिचायक थीं डा. इंदिरा हृदयेश पाठक। फौलादी महिला थीं, अपनी नामाराशी प्रधानमंत्री की मानिन्द। आज पूर्वाह्न काठगोदाम के पास रानीबाग के चित्रकला श्मशान घाट पर उमड़े जनसैलाब ने यही साबित किया। भाजपायी मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हरीश रावत को मिलाकर, हमारे सैकड़ों श्रमजीवी पत्रकार साथीगण नम नेत्रों से एक सुहृद को अलविदा कह रहे थे।          डॉ. इंदिरा हृदयेश का इंडियन फेडरेशन आफ वर्किंग जर्नालिस्ट्स (IFWJ) से करीब का नाता रहा। अटूट था, जो सिर्फ मौत ने तोड़ा। हमारे हर सम्मेलन में वे आतीं थीं। प्रदेश स्तरीय (हरद्वार में) या राष्ट्रीय (नैनीताल में) और राजधानी देहरादून में।         एक बार सूचना और जनसम्पर्क मंत्री थीं तो तकरार की नौबत भी आ गयी थी। पंडित नारायणदत्त तिवारी (नेशनल हेरल्ड के स्तंभकार रहे) तब मुख्यमंत्री थे। इंदिरा हृदयेश उनकी सरकार की कान—नाक थीं। सूचना मंत्री से अधिक, चीफ रि

Chirag Paswan Vs Pashupati Paras in LJP : चिराग पासवान न तो विरासत संभाल पाए और न ही परिवार

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  चिराग पासवान न तो विरासत संभाल पाए और न ही परिवार  मुबाहिसा: आर.के. मौर्य द लितों के बड़े नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे रामविलास पासवान ने अपने निधन से पहले ही लोक जनशक्ति पार्टी के सर्वेसर्वा अपने इकलौते बेटे चिराग पासवान को बना दिया था। पार्टी में चिराग का प्रवेश ही सीधे वर्ष 2012 में संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में किया गया था। उस समय  पार्टी की कार्यसमिति की बैठक में मैं भी राष्ट्रीय सचिव की हैसियत से मौजूद था, जिसका ऐलान रामविलास पासवान ने भावुक होकर आंसु भरे नयनों से किया था, वहीं पासवान के दोनों भाइयों पशुपति पारस और रामचंद्र (अब दिवंगत) की आंखों में भी आंसु थे, दोनों भाइयों के ये आंसु कैसे थे?, इसको लेकर पहले आंतरिक और अब लोजपा के टूटने पर कई चर्चाएं लोजपा में हो रही हैं।  उस समय भी पार्टी में सुगबुगाहट थी कि पासवान के इस फैसले को उनके राजनीतिक सहयोगी और बिहार में पार्टी की रीढ़ की हड्डी माने जाने वाले उनके भाई पशुपति पारस और रामचंद्र पासवान अंदर से नहीं स्वीकार कर पा रहे हैं। इस बैठक से पासवान ने सीधे यही संदेश देने का काम किया था कि अब उनके राजनी