India & China Border : चहचहाना जब कहकहा बना !
चहचहाना जब कहकहा बना ! के. विक्रम राव आखिर राहुल गाँधी ने नरेंद्र मोदी पर अपने ट्वीट में क्या तंज कसा? मूलतः उन्होंने व्यक्तिवाचक संज्ञा “सरेन्डर” उच्चारित करना चाहा था| वह विकृत होकर अपभ्रंश “सुरेन्दर” उच्चरित हो गया| इसके मायने हैं ध्वन्यात्मक (कंठ और तालु से उपजा) अव्यक्त (अनुच्चरित, अस्पष्ट) शब्द| (काशी नागरी प्रचारिणी सभा द्वारा प्रकाशित “हिंदी शब्द सागर”, भाग नौ, पृष्ठ 4690)| यह तात्पर्य सर्वथा प्रामाणिक है क्योंकि कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रहे पण्डित कमलापति त्रिपाठी इस शब्कोश के संपादक थे| यदि आंग्ल भाषा में प्रयुक्त राहुल का ट्वीट मान भी लें तो उसके प्रकरणार्थ होंगे “सरेन्डर” (आत्म समर्पण : चीन के समक्ष)| शायद एक हर्फ़ “R” छूट गया हो| अतः वह “Surender” बन गया! इस अति सूक्ष्म वर्ण विन्यास में हिज्जे उलट-पलट गए| नतीजन वर्तनी ने अनर्थ कर दिया हो| नरेंद्र (मोदी) अर्थात (इंसानों का पालक) और “सुरेन्द्र” मायने “देवताओं का राजा|” इस कारण समूची व्यक्तिवाचक संज्ञा अवांगमुख (औंधी) हो गई| इस पर उत्फुल्ल भाजपायी उछल पड़े| कह डाला कि राहुल गाँधी ने प्रधान मंत्री को प्रमोट कर दिया| लोक के ...