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Showing posts from December 2, 2021

International Award to North eastern Assam Journalist Nava Thakuria

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 International award to north-eastern journalist Nava Thakuria Guwahati: The Geneva-based Press Emblem Campaign (PEC) rewards senior journalist Nava Thakuria, a resident of northeast India, for his relentless initiatives to safeguard the rights of media persons in the south Asian country and also defending the press freedom in the region with an exemplary commitment. The Assam-based working journalist has been awarded on 30 November 2021 remotely as it was difficult for him to reach Geneva because of the Covid-19 restrictions. “It is the first time that the PEC rewards a journalist from India, the second most populous country of the world. India has a strong democracy and a vibrant press. Last year however, a record number of 15 journalists were killed in India and six this year. Journalists are targeted documenting abuses, corruption, criminal activities,” stressed the PEC Secretary-General Blaise Lempen. In 2021, the media fraternity in India was the most affected by the novel corona

International Award to North Eastern Journalist Nava Thakuria of Assam

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असम के वरिष्ठ पत्रकार नव ठाकुरिया को अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार  गुवाहाटी:  मीडिया कर्मियों की सुरक्षा के लिये काम करने वालीअंतरराष्ट्रीय संस्था 'प्रेस एम्बलेम कैम्पेन'(पीईसी) ने इस बार असम के वरिष्ठ पत्रकार नव ठाकुरिया को अपने वार्षिक पुरस्कार से नवाजा है! उन्हें यह पुरस्कार भारत सहित दक्षिण पूर्व एशिया के अन्य देशों के संवाद कर्मियों के हित में उनकी ओर से किये गये प्रयासों के लिये दिया जा रहा है!  श्री ठाकुरिया इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को पाने वाले पहले भारतीय पत्रकार हैं! दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना के नये वैरिएंट के मद्देनजर दुनिया भर में फैली चिन्ता के चलते यह पुरस्कार हासिल करने वे स्वयं जेनेवा नहीं पहुंच सके! इसे ध्यान में रखते हुए संस्था ने वर्चुअल माध्यम से उन्हें यह सम्मान देने का निर्णय लिया है!  पीईसी ने पहली बार दुनिया में दूसरे सबसे अधिक आबादी वाले देश के किसी पेशेवर पत्रकार को इस पुरस्कार से विभूषित करने का निर्णय लिया है!  संस्था के महा सचिव व्लेज लेम्प के मुताबिक विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में परिचित भारत में एक शक्तिशाली जनमाध्यम मौजूद है! दक्षिण एशिया के

Radhakrishanan Harikimar Nayar get success by touch feet

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 यश पाओ, चरण छूकर !   के.विक्रम राव       आज के समाचारपत्रों के मुखपृष्ठों पर नवनियुक्त नौसेना अध्यक्ष, 59 वर्षीय एडमिरल राधाकृष्णन हरिकुमार नायर द्वारा सार्वजनिक समारोह में अपनी वृद्धा मां विजयलक्ष्मी के चरण स्पर्श करते हुए चित्र को देखकर मन हर्षित हो गया। अमूमन भारतीय फौजी अफसर ब्रिटिश राज्य वाले पाश्चात्य आचार—व्यवहार से अधिक प्रभावी रहते है। माता—पिता का सम्मान करना प्राचीन भारत का ही परम्परागत आचरण रहा है। कई हिन्दुजन भी बहुधा चरण स्पर्श को असंगत समझते है। हिचकते हैं। अत: नये हिन्दुस्तान के सेनाधिकारियों ने इस प्राच्य रिवाज को अपनाकर गौरवशाली काम किया है।        एकदा प्रधानमंत्री अटल जी कलकत्ता की एक सरकारी यात्रा के दौरान अपनी रेल मंत्री कुमारी ममता बनर्जी के कालीघाट वाले आवास पर गये थे। वहां 75—वर्षीय वाजपेयी ने अपने से पांच साल छोटी गायत्री बनर्जी के चरण स्पर्श किये। ममता की इस मां ने नारियल के लड्डू प्रधानमंत्री को खिलाया और स्वस्ति वचन कहे। हालांकि कुछ ही माह बाद ममता ने अटलजी से कन्नी काट ली। उनकी राजग काबीना से त्यागपत्र देकर राजनीतिक संकट सर्जाया था।        बुजुर्गों का चर