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Showing posts from September 21, 2021

When congress had cast Dhebar "Vermala"

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 जब कांग्रेस ने ढेबर को वरमाला डाली के. विक्रम राव  आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में एक कांग्रेस अध्यक्ष हुए थे जिसने 49 वर्ष की आयु में जवाहरलाल नेहरु तथा इन्दिरा गांधी के बीच  आकर स्वतंत्र्योत्तर भारत की दशा बदल दी। गति तेज कर दी। राजकोट (गुजरात) के उच्छरंगराय नवलशंकर ढेबर जिनकी आज (21 सितंबर 2021) 116वीं जयंती है। ढेबर का वह संघर्षशील नेतृत्व था कि जूनागढ़ रियासत (गिर शेरों के लिये मशहूर) को भारतीय गणराज्य का हिस्सा बनाया गया था। वर्ना इस हिन्दू—बहुल सूबे के नवाब मोहम्मद महाबत खान तृतीय तो मोहम्मद अली जिन्ना की गोद में बैठ गया था। जनांदोलन का नतीजा था कि नवाब को अपने छोटे वायुयान में राज छोड़कर कराची भागना पड़ा था। तब केवल एक सीट बची थी। दावेदार थे उनके दीवान सर शाहनवाज खॉ भुट्टो के कनिष्ठ पुत्र जुल्फीकार अली भुट्टो और नवाब का पालतू कुत्ता। नवाब की पसंद प्रिय चौपाया था। जुल्फीकार 1953 तक बम्बई में पीलू मोदी के साथ पढ़े थे।         ढेबर, बापू के भतीजे और आरजी हुकूमत के मुखिया सामलदास लक्ष्मीदास गांधी को और उनके साथियों को श्रेय जाता है। ढेबर जब कांग्रेस अध्यक्ष बने थे तो राजनीतिक परिस्

Who is the villain in comedy show in Punjab

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पंजाब के कॉमेडी शो में विलेन कौन ? के. विक्रम राव      भा जपाइयों को सोनिया—कांग्रेस से आस्था और धार्मिक आचरण के सिद्धांतों को समझने और सीखने का प्रयास करना चाहिये। मात्र ढोंगी सेक्युलरिज्म का प्रहसन नहीं। अब गौर कीजिये। चण्डीगढ़ राजभवन में आज प्रात: बिना देर किये अपने पार्टी नेता सरदार चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री पद की सोनिया ने शपथ दिलवा दी। कारण? आज (20 सितंबर 2021) से हिन्दुओं के पिण्डदान वाले दिनों की शुरुआत हुयी है। सोमवार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि है। शुभकार्य नहीं करतें हैं इस पखवाड़े में, सिवाय श्राद्ध, तर्पण के। इससे पितर दोष से मुक्ति मिलती है। भले ही सोनिया वेटिकन के पोप की निष्ठावान अनुयायी हों, पर उनकी सास तो जन्मना पंडिताइन थीं। धर्मकर्म पर भरोसा रखतीं थीं। मुहूर्त पर विशेषकर। वर्ना हर खास निर्णय (पार्टी अध्यक्ष का निर्वाचन मिलाकर) को टाल देने के लिये मशहूर, यह यूरेशियन—राजनेता राहुल गांधी फिर तारीख आगे बढ़ा देते।         पार्टी से कई गुना अधिक धर्मप्राण और आस्थावान तो नये मुख्यमंत्री, मजहबी सिख सरदार चरणजीत सिंह चन्नी हैं, जिनकी निष्ठा (कुटुम्ब तथ

Punjab Rahul Gandi's Feud and Future Congress BSP and Akali Dal

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  राहुल गांधी की अदावत और भविष्य की कांग्रेस पंजाब में बड़ा दांव ; प्रथम दलित मुख्यमंत्री, गैर कांग्रेस दलों को पड़ा झटका  मुबहिसा : आर.के. मौर्य पं जाब प्रदेश में कांग्रेस द्वारा दलित मुख्यमंत्री बनाया जाना, केवल राहुल गांधी की कैप्टन अमरिंद्र सिंह से अदावत का ही परिणाम नहीं, बल्कि भविष्य के लिए कांग्रेस की एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। यदि ऐसा ना होता, तो शायद नवजोत सिंह सिद्धू ही पंजाब के मुख्यमंत्री बना दिए गए होते। पंजाब में शिरोमणि अकाली दल और बसपा गठबंधन मजबूत होकर उभर रहा है। वहां भाजपा नहीं बल्कि शिरोमणि अकाली दल से ही कांग्रेस को दो-दो हाथ करने हैं। ऐसे में दलितों के बीच अपने मजबूत जनाधार को बनाए रखने और भविष्य के चुनाव में शिरोमणि अकाली दल और बसपा गठबंधन को मात देने के लिए चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब का प्रथम दलित मुख्यमंत्री बनाए जाने की रणनीति को अमलीजामा पहनाया गया। बसपा सुप्रीमो मायावती और भाजपा में दलित नेता सांसद व भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम के बौखलाहट भरे बयान भी कांग्रेस की इस मजबूत रणनीति को बल दे रहे हैं। बदलती कांग्रेस, बदलती रणनीति सत्