When congress had cast Dhebar "Vermala"
जब कांग्रेस ने ढेबर को वरमाला डाली के. विक्रम राव आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में एक कांग्रेस अध्यक्ष हुए थे जिसने 49 वर्ष की आयु में जवाहरलाल नेहरु तथा इन्दिरा गांधी के बीच आकर स्वतंत्र्योत्तर भारत की दशा बदल दी। गति तेज कर दी। राजकोट (गुजरात) के उच्छरंगराय नवलशंकर ढेबर जिनकी आज (21 सितंबर 2021) 116वीं जयंती है। ढेबर का वह संघर्षशील नेतृत्व था कि जूनागढ़ रियासत (गिर शेरों के लिये मशहूर) को भारतीय गणराज्य का हिस्सा बनाया गया था। वर्ना इस हिन्दू—बहुल सूबे के नवाब मोहम्मद महाबत खान तृतीय तो मोहम्मद अली जिन्ना की गोद में बैठ गया था। जनांदोलन का नतीजा था कि नवाब को अपने छोटे वायुयान में राज छोड़कर कराची भागना पड़ा था। तब केवल एक सीट बची थी। दावेदार थे उनके दीवान सर शाहनवाज खॉ भुट्टो के कनिष्ठ पुत्र जुल्फीकार अली भुट्टो और नवाब का पालतू कुत्ता। नवाब की पसंद प्रिय चौपाया था। जुल्फीकार 1953 तक बम्बई में पीलू मोदी के साथ पढ़े थे। ढेबर, बापू के भतीजे और आरजी हुकूमत के मुखिया सामलदास लक्ष्मीदास गांधी को और उनके साथियों को श्रेय जाता है। ढेबर जब कांग्रे...