महाराष्ट्र : भाजपा के अहंकार ने दोस्त शिवसेना को बनाया दुश्मन
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मुबाहिसा : राजेन्द्र मौर्य महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले कभी सीटों के बंटवारे तो कभी सत्ता में भागीदारी के सवाल पर भिड़े भाजपा और शिवसेना ने आखिर अपना रास्ता अलग-अलग कर लिया और अकेली पड़ी भाजपा फिलहाल महाराष्ट्र में सत्ता के गलियारे से बेदखल हो गई। देवेंद्र फडणवीस ने यह बात आम कर दी और अधिकृत रूप से प्रदेश के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी को भी इसकी जानकारी दे दी। जिसपर शिवसेना से राज्यपाल ने सत्ता संभालने के लिए पूछ भी लिया है। इस पूरे प्रकरण में जहां शिवसेना ने सत्ता में बराबरी का हक लेने की ठानी, वहीं भाजपा नेतृत्व का अहंकारी और अड़ियल रुख दोस्त शिवसेना को दुश्मन बनने से नहीं रोक पाया। इसमें एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने महाराष्ट्र की सिसायत को लेकर अपने तजुर्बे का भरपूर उपयोग किया और तीस साल पुराने भाजपा और शिवसेना को अलग-अलग करने के साथ ही अपनी पार्टी की सत्ता भागीदारी तय कर ली। पर्दे के पीछे चली शरद पवार की राजनीतिक चालें फिलहाल कामयाब होती दिख रही हैं। इस खेल में कांग्रेस भी साफ तौर पर साथ दिखती नजर आ रही है। गत दिवस ही सुप्रीम कोर्ट के अयोध्या निर्णय का स्वागत बहुसंख्यक वर्ग