Posts

Showing posts from June 18, 2020

Good Sports Spirit : बड़ी नीक होती है खेल भावना

Image
बड़ी नीक होती है खेल भावना के. विक्रम राव यकीन नहीं होता,  पर यह वाकया है सच क्योंकि खेल की भावना से जुड़ा है, इसीलिए शायद एक पुरानी घटना बरबस याद आ गई।  बरलाडा (स्पेन) में विश्व दौड़ (रेस) प्रतिस्पर्धा (जनवरी 2013) हो रही थी। अंतिम दौर में केवल दो धावक बचे थे। स्पेन का चौबीस-वर्षीय इवान फर्नांडिस और केन्या (अफ्रीका) का तेईस-वर्षीय एबेल किप्रोप मुताई। ढइया (रिब्बन) छूने के करीब मुताई पहुँच गया था,  तभी उसकी स्पृहा मंद पड़ गई।  वह समझा मंजिल पार कर गया और रुक गया। ठीक पीछे स्पेन का तेज धावक ईवान था। दो ढाई फिट ही पीछे। ईवान को आभास हो गया कि मुताई को स्मृति-लोप हो रहा है। वह चीख कर बोला, “दौड़ो, बढ़ो आगे” पर मुताई स्पेनिश नहीं जानता था। किंकर्तव्यविमूढ़ सा रह गया।  तभी ईवान का दिमाग कौंधा।उसने मुताई के पीठ पर हथेली जोर से लगाई। धक्का दिया और मुताई रिब्बन तोड़कर चरम बिंदु पार कर गया। विजयी घोषित हुआ।  पेवेलियन में रिपोर्टरों ने ईवान से प्रश्नों की झड़ी लगा दी। “क्यों ऐसी हरकत की?” ईवान का उत्तर था: “मेरा मानना है कि स्पर्धा के अलावा भी जीवन में बहुत कुछ है।  जैसे...