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Showing posts from October 25, 2020

FIR against one thousand journalists : IFWJ shocked

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The Working Journalists of India ( WJI ) and Indian Federation of    Working  Journalists   ( IFWJ ) expressed shock that  the Maharashtra police  has  filed FIRs against one thousand working journalists of  Republic TV channel   . This  is worse than what had  happened during the infamous Emergency of 1975 .  Mr  Narender Bhandari  of WJI and  Mr Parmanand Pandey  of the IFWJ along with other prominent journalists asked the Maharashtra govt  to immediately  withdraw these FIRs against  journalists  as these amount to curbing  the freedom of press as enshrined in Indian Constitution  .  Veteran journalist and former Coordinator of International Federation of Journalists K.N.Gupta who presided over the webinar held in New Delhi condemned the police action.   and urged the Maharashtra and Union government to intervene into  this   urgent...

English in Hindi : जब अंग्रेजी शब्द के मायने हिंदी में गुम हो जाएं

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 जब अंग्रेजी शब्द के मायने हिंदी में गुम हो जायें के विक्रम राव वर्षो से मेरी अवधारणा रही कि इंग्लिश जुबान तथा रोमन लिखावट के सामने हिंदी और नागरी लिपि हर प्रकार से त्रुटिहीन और परिपूर्ण हैं। देखें प्रमाण स्वरुप भारत के संविधान की प्रस्तावना पर प्रोफेसर राजमोहन गांधी ने (इंडियन एक्सप्रेस, 22 अक्टूबर 2020, पेज 7 कालम 8) में लिखा है कि भारत के संविधान की प्रस्तावना में समानता और स्वतंत्रता के साथ अग्रेंजी शब्द फ्रेटर्निटी (Fraternity) लिखा गया हैं जो अधूरे अर्थवाला है। ये पुल्लिंग वाला शब्द हैं। स्त्री इसमें समाहित नहीं हैं। इसके शाब्दिक अर्थ हैं भाई-चारा। बहनों के लिए शब्द होगा “Sorority”।  संविधान की नागरी लिपि में लिखी प्रस्तावना में शब्द “बंधुत्व” ज्यादा समावेशी हैं।  राजमोहन जी ने अपने समर्थन में लेखक हर्ष मान्दर का उल्लेख भी किया है। हालांकि इन दोनो की स्व-भाषा हिंदी नही हैं। तो अब शब्द फ्रेटर्निटी का सही विकल्प अथवा शब्द “बन्धुत्व” का अंग्रेजी पर्याय खोजना होगा। सवाल हैं कि क्या भारत के संविधान के 105वें संशोधन की अनिवार्यता अब आन पड़ेगी ? तो मेरा अभिमत है कि अंग्रेज...