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Showing posts from May 10, 2020

Happy Marriage (VIDEO) : कवि सम्मेलन : परिवार नियोजन ने छीनी सालियां

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Corona : Open Letter To UP'S CM : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखा खुला पत्र।

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यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को खुला पत्र लिखा गया है। यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। पत्र में मुख्यमंत्री से खुले पत्र में अनुरोध किया गया है कि अस्पतालों में हो रही मौतों के मामले में शवों को कोरोना जांच रिपोर्ट आने के बाद ही सौंपा जाए ताकि शव का अंतिम संस्कार निर्धारित गाइडलाइन के मुताबिक किया जा सके। और अंतिम संस्कार में शामिल लोग किसी मुसीबत में फंसने से बच सकें। वायरल हो रहे पत्र में लिखा गया है कि "मैं माननीय मुख्यमंत्री जी उत्तर प्रदेश सरकार भारत सरकार के सभी प्रशासनिक अधिकारियों और अपने जिले के सभी शासन और प्रशासन के अधिकारियों से एक अनुरोध करना चाहता हूं कृपया जो भी रोगी अस्पताल में भर्ती हैं और जिनका की कोविड टेस्ट हुआ है और उनकी किसी कारण रिपोर्ट आने से पहले ही मृत्यु हो जाती है तो कृपया उनके शव को किसी भी उनके किसी रिश्तेदार को तब तक ना सौंपा जाए जब तक कि उसकी कोविड की टेस्ट की रिपोर्ट ना आ जाए इससे सभी लोग सचेत हो जाएंगे  रिपोर्ट पॉजिटिव होने पर परिवार और सभी रिश्तेदार संबंधी सचेत हो जाएंगे इससे कोरोना रोग फैलने का खतरा ना के बराबर हो जाएगा सब दूरी

Old is Gold Song (VIDEO) :

Old is Gold Song (VIDEO):

Govt's Decision Anti Labour : श्रम कानून पर सरकार के फैसले का मायावती ने किया विरोध

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यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री एवं बसपा सुप्रीमो मामायावती ने सरकार द्वारा कोरोना महामारी की आड़ में श्रम कानून को तीन वर्ष के लिए निष्प्रभावी किए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इस निर्णय को श्रमिक विरोधी बताया है। मायावती ने किए ट्वीट में कहा है कि "कोरोना प्रकोप में मजदूरों/श्रमिकों का सबसे ज्यादा बुरा हाल है, फिर भी उनसे 8 के बजाए 12 घण्टे काम लेने की शोषणकारी व्यवस्था पुनः देश में लागू करना अति-दुःखद व दुर्भाग्यपूर्ण। श्रम कानून में बदलाव देश की रीढ़ श्रमिकों के व्यापक हित में होना चाहिये ना कि कभी भी उनके अहित में। जबकि परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने श्रमिकों के लिए प्रतिदिन 12 नहीं बल्कि 8 घण्टे श्रम व उससे ज्यादा काम लेने पर ओवरटाइम देने का युगपरिवर्तनकारी काम तब किया था जब देश में श्रमिकों/मजदूरों का शोषण चरम पर था। इसे बदलकर देश को उसी शोषणकारी युग में ढकेलना क्या उचित? देश में वर्तमान हालात के मद्देनजर श्रम कानून में ऐसा संशोधन करना चाहिए ताकि खासकर जिन फेक्ट्री/प्राइवेट संस्थानों में श्रमिक कार्य करते हैं वहीं उनके रूकने आदि की व्यवस्था हो। किसी भी