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Showing posts from July 19, 2020
Democracy : लोकतंत्र जागृति की आवश्यकता क्यों ?
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"लोकतंत्र जागृति की आवश्यकता क्यों ? राजेन्द्र पंवार सम्मानित लोकतन्त्र सैनानियों ! आजादी के उपरांत, सत्ता के लालच में 1975 में तत्कालीन सरकार के आपातकाल लगाने से ये (आलोकतांत्रिक) स्थिति देश में फिर से बनने के कारण आप लोगों को लोकतन्त्र की रक्षा के लिए 19 से 21 माह तक की जेल काटनी पड़ी। आज भी देश में ऐसी किसी भी सत्ता के लोभियों की सरकार से देश को सचेत रहने की अवश्यकता है। एक बार फिर कहते हैं, कि किसी भी अपराध या आलोकतांत्रिक बात के खिलाफ मुंह खोलना शुरू करें, तब देखना कि शामली जिले का लोकतन्त्र सैनानियों का ये सम्मेलन भले ही आज नक्कारखाने में तूति की आवाज लगे, कल एक नया रंग और परिवर्तन लाएगा। लेकिन जब तक रहोगे मौन, साथियो तुम्हारी सुनेगा कौन ? दुनियाँ के सबसे बड़े लोकतन्त्र में लोकतन्त्र जागृति दिवस मनाया जा रहा है। ये इस बात का द्यौतक है कि हमारी इस व्यवस्था में कहीं कुछ कमी है। आज देश और दुनियां एक महान परिवर्तन के काल से गुजर रही है। एक और स्वार्थ के शैतान ने इंसान को बुरी तरह अपने पंजों में जकड़ लिया है, दूसरे उसने अपने सुख साधनों और व...
Turki: तुर्की अब इस्लामी हो गया
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तुर्की अब इस्लामी हो गया के. विक्रम राव मुस्लिम मुल्कों के गुट का एक अकेला सेक्युलर राष्ट्र तुर्की अगले जुम्मे (24 जुलाई 2020) से इस्लामी राष्ट्र में पुनः ढल जाएगा| करीब 85 वर्ष बाद इस्ताम्बुल में धर्मनिरपेक्षता के जनप्रिय प्रतीक, पंद्रह शताब्दी वाले हाजिया सोफिया म्यूजियम से अजान गूंजेगी| “मोहम्मदुल रसूल अल्लाह” कहलवाया जाएगा| कट्टर मजहबी राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन भी नमाज में शामिल होंगे| उधर, चार सौ किलोमीटर दूर राजधानी अंकारा के अनितकबीर स्मारक में दफ़न महान धर्मनिरपेक्ष, राष्ट्रपिता (अतातुर्क) मुस्तफा कमाल पाशा अपनी कब्र में व्याकुल हो रहे होंगे कि स्वराष्ट्र को कैसा प्रगतिवादी बनाया था। आज उग्रवादियों ने उसे कैसा कदीमी बना डाला। 99 प्रतिशत मुसलिम आबादी वाले तुर्की में हिजाब और बुरका पर पाबंदी है। अब हट जाएगी। करीब सात साल पहले इस्तांबुल की ग्यारह-सदस्यीय संविधान पीठ ने एक संसदीय कानून को अवैध करार दिया था, क्योंकि वह तुर्की के सेक्युलर संविधान के प्रतिकूल था। तब विश्वास नहीं होता था कि मुसलिम-बहुल तुर्की भारत से कहीं बेहतर सेक्युलर राष्ट्र है। अंकारा में संविधान पीठ ने...
Plantation : अनिल मौर्य का सम्मान
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मजबूत भविष्य बनाएगा, पौधा भी संतान कहलाएगा (पर्यावरण-धर्म की दराज़ से ) देश का मजबूत भविष्य पेड़ों में सुरक्षित हैं, इससे इंकार नहीं किया जा सकता हैं। एक पौधा भी घर में संतान का ही कार्य करता हैं। बदले में सिर्फ उसे रोपने वाले माता-पिता से भोजन के रूप में केवल पानी, धूप, खाद की चाह रहती है । इसके बाद वह परिवार के लोगों को "ऑक्सीजन" भेंट कर उनके जीवन को सुरक्षित रख कर अपने संतान होने का बखुबी फर्ज निभाता है। साथ ही हवा के झोंके में लहलहा कर सबको खुशी का इज़हार कराता हैं तथा वायु शुद्ध कर सबको स्वास्थ रखने का संतान के रूप में जिम्मा उठाता है। इसकी गंभीरता को लेकर "प्रेरणा स्रोत" के रूप में जिलाधिकारी मेरठ के प्रधान सहायक और उत्तर कलक्ट्रेट कर्मचारी संघ मेरठ मण्डल के मंत्री अनिल मौर्य को पर्यावरण संरक्षण की जागरूकता में लगी "पर्यावरण-धर्म समिति" के राष्ट्रीय अध्यक्ष जितेन्द्र पांचाल के द्वारा "प्रेरणा-स्रोत भूषण" से सम्मानित किया गया। इसके साथ-साथ पेड़-पौधों की महत्ता का गुणगान कराकर अनिल मौर्य ने इस सम्मान से नवाजे जाने पर समिति का आभार व...