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Showing posts from October 6, 2019
ओशो वाणी : मेरा कुछ नहीं
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ओशो... इस दुनिया में दो तरह के लोग हैं: एक भोगी, वे भी मालिक; और एक त्यागी, वे भी मालिक। भोगी कहता है--मेरा है, छोडूंगा नहीं। त्यागी कहता है--मेरा है, मैं दान करता हूं। मगर दोनों मानते हैं कि मेरा है। मेरा संन्यासी तीसरे तरह का आदमी है। वह कहता है--मेरा है ही नहीं, तो न तो रोकने का सवाल है, न त्यागने का सवाल है, गुजर जाने की बात है। मेरा है ही नहीं, तो कैसे छोडूं! कैसे त्यागूं! और मेरा है ही नहीं, तो कैसे पकडूं! दोनों में अन्याय हो जाएगा। जो कहता है कि मैंने त्याग दिया, वह उतनी ही भ्रांति में है जितनी भ्रांति में वह जो कहता है कि मैंने संग्रह कर लिया। संग्रह और परिग्रह एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। दोनों के पार जाना है। और पलटू कहते हैं बार-बार: दोनों के पार जाना है। संग्रह और परिग्रह, दोनों के पार जाना है। एक ऐसी स्थिति तुम्हारी चेतना की होनी चाहिए--न यह, न वह; नेति-नेति। फिर वह जो तुम्हें देता है, भोगो। और भोगने की सबसे बड़ी कला है बांटना। इसलिए कभी-कभी ऐसा हो जाता है कि तुम्हारे तथाकथित साधु-संत भी साधु-संत नहीं होते और कभी-कभी साधारणजनों में अपूर्व साधुता होती है। मेरे
रविदास विश्व महापीठ के प्रतिनिधि केंद्रीय मंत्री गहलौत से मिले
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![Image](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjUhMsdOIQTpMgUQ4Y7Pg5Y8XnZwmBEGW7cbPNfIqBhC8mXrI4Mzlq1mhROTCZ43OfoVJWnNJLAWLhmyAnxNxu-dM-w5ZRlr_1_FSTNk1CfSAXiHKjhbwcJXPvs20fp0k8DKcEsdwJsyhA/s320/EGF3fBAXYAErR7J.jpg)
श्री गुरु रविदास विश्व महापीठ के प्रतिनिधियों ने सूरजभान कटारिया के नेतृत्व में केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. थावरचंद गहलोत जी से मिलकर आभार जताया ! दिल्ली के तुगलकाबाद में श्री गुरु रविदास मंदिर तोड़े जाने के मामले में भी सर्वोच्य न्यायलय ने कहा है कि गुरु रविदास जी के अनुयाई और समाजिक लोग जहाँ कहेंगे गुरु रविदास मंदिर वहीं बनेगा, यह पूरे समाज की बड़ी जीत है !
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मिले पत्रकार
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![Image](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi-FyuS-V81k4LwBWZ0jJAlppOZC0keY2lbu61AMTfGc7HVc00EhIrnoT_GkCiqGK81BGB0jVLVfRI5908eWtpAa5hfDj91yFU0dFxkD0xG9CjRMAmJOQTzsebaOf5CQe0iNqm67lvS8TM/s320/FB_IMG_15703069782717542.jpg)
लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने 'इंडियन फेडरेशन ऑफ़ वर्किंग जर्नलिस्ट्स' (आईएफडब्ल्यूजे) के प्रतिनिधि मंडल को आश्वस्त किया कि वे पत्रकारों की सुरक्षा व उनसे जुडी अन्य समस्याओं को दूर करके के लिए सरकार से समुचित कानून बनाने की अनुशंसा करेंगे। श्री बिरला कल शाम अपने आवास पर पत्रकारों के प्रतिनिधि मंडल से कहा कि जीवंत लोकतंत्र के लिए सजग, जागरूक और निर्भीक पत्रकारिता का होना अत्यावश्यक है, जिस पर पूरे देश में मतैक्य है। आई.एफ.डब्ल्यू.जे. की तरफ से उन्हें एक ज्ञापन भी दिया गया, जिसमें हाल ही में पत्रकारों के उत्पीड़न और उन पर हुए हमलों के प्रति चिंता व्यक्त की गई है। प्रतिनिधि मंडल के नेता आई.एफ.डब्ल्यू.जे. के उपाध्यक्ष हेमंत तिवारी ने बताया कि श्री बिरला जी जितने सरल और सहज हैं उतने ही लोगों की समस्यों के प्रति व्यग्र और अपने निर्णयों में कठोर हैं। उन्होंने कहा कि यह उनकी सरलता का ही द्यौतक है कि वे हमारी मात्र एक दिन की सूचना और आग्रह पर 2016 में जयपुर में आयोजित आई.एफ.डब्ल्यू.जे. के सम्मेलन में शामिल हुए थे। आई.एफ.डब्ल्यू.जे. ने अपने ज्ञापन में लोकसभाध्यक्ष से आग्रह क