Modi & Hanuman ji : जब मोदी बने हनुमान
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जब मोदी बने हनुमान... भारतमित्र, किन्तु अतीव जुगुप्सित ''मसीहा'' इसके पहले कि आप आगे पढ़कर इस राजनेता को पूर्णतया कुत्सित और सिर्फ घृणास्पद मान लें, उससे जुड़ी तीन नीक बातों का उल्लेख पहले कर दूं। जब नरेन्द्र मोदी ने ब्राजील गणराज्य के इस छाछठ—वर्षीय 38वें राष्ट्रपति तथा भारतमित्र जायूर मसीहा बोल्सोनारो को उनके बीस करोड़ नागरिकों हेतु कोविड—19 कोवैक्सीन खुराक भेजी थी तो उन्होंने आभार में कहा था कि : ''हनुमान संजीवनी लाये थे, रामानुज को बचाया था। वैसे ही कोविड—19 से निबटने हेतु मोदीजी ने हमें संजीवनी भेजी है (22 जनवरी 2021)।'' एक उपकार ब्राजील ने किया था कि भारत के वित्तीय उत्कर्ष के लिये चीन, रुस तथा दक्षिण अफ्रीका के साथ परस्पर सहयोग के तीन गठबंधन रचे। इसे ''ब्रिक्स, आईबीएस तथा बीएएसआईसी'' नाम दिया। इससे भारत को विकास के अपार अवसर मिले। अगली और अन्तिम कृपा की है कि गत गणतंत्र दिवस (26 जनवरी 2020) पर वे नयी दिल्ली में विशेष अतिथि थे। दक्षिण एशिया और लातिन अमेरिका के इन दोनों राष्ट्रों की डेढ़ अरब जनता के दो नुमाइन्दे साथ