Hastinapur & Sardhana : हस्तिनापुर के दिन बहुरेंगे, सरधना का इतिहास भी होगा मजबूत
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हस्तिनापुर के दिन बहुरेंगे, सरधना का इतिहास भी होगा मजबूत महाभारत कालीन हस्तिनापुर को पर्यटन स्थल के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के इरादे प्रबल होते ही नगर सहित आसपास के लोगों की धार्मिक आस्था बढ़ने के आसार हो गए हैं । भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं.जवाहर लाल नेहरू के अथक प्रयास से हस्तिनापुर में रेशम उद्योग की स्थापना की गई और एक साथ सैकड़ों हवन व यज्ञ कराए गए, किंतु पांडव पत्नी कुंती पुत्रों की धर्मपत्नी पांचाल नरेश की पुत्री अग्निसेनी द्रोपदी श्रापित हस्तिनापुर को श्राप से मुक्ति के अभाव में उभार नहीं सकें। जिसके बाद से हस्तिनापुर निरंतर अपने उद्धार की बाट जोह रहा हैं । प्रदेश सरकार की एक बार फिर हस्तिनापुर को उभारने की मंशा तेज हो गई है, जिसके लिए गंगा घाट के साथ पर्यटक स्थल बनाए जाने के रूप में मंसूबा तैयार किया जा रहा है । जहां एक ओर हस्तिनापुर के दिंन बहुरेंगे, वहीं इटली समकक्ष बेगम समरू की राजधानी वर्तमान में तहसील सरधना चर्च नगरी भी महाभारत कालीन कुछ अंशों के कारण महाभारत सर्किट योजना में चमकता नजर आएगा। बताया जाता है कि जब पांच पांडव वारनावत् हालिक बरनावा के लिए प्रस्थ