Posts

Showing posts from July 28, 2019

पूर्व केंद्रीय मंत्री जयपाल रेड्डी का निधन

Image
पूर्व केंद्रीय मंत्री जयपाल रेड्डी का निधन हो गया है। वे अच्छे सांसद और जनता के हकों के लिए लड़ने वाले जुझारू नेता थे।

सांसद स्वर्गीय रामचंद्र पासवान की अस्थिकलश यात्रा

Image
सांसद स्वर्गीय रामचंद्र पासवान की अस्थिकलश यात्रा पटना से समस्तीपुर तक आयोजित की गई। जगह-जगह लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की।

साजिश: खत्म होगा वर्किंग जर्नालिस्ट्स एक्ट

Image
सावधान! रची जा चुकी है वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट खत्म करने की बड़ी साजिश! मोदी 2.0 के नए श्रम कानून ने अखबार में कार्यरत पत्रकारों और अन्‍य गैरपत्रकार कर्मचारियों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। ऐसा लगा रहा है कि श्रम कानूनों में सुधार के नाम पर केंद्र सरकार ने जाने-अनजाने वर्किंग जर्नलिस्‍ट एक्‍ट और इसके तहत मिलने वाले वेजबोर्ड की सुविधा को खत्‍म करवाने की कुटील चाल चल दी है। व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य स्थिति को विनियमित करने वाले कानूनों में संशोधन करने के लिए व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य स्थिति संहिता विधेयक, 2019 लोकसभा में 23 जुलाई को पेश किया जा चुका है। इसके तहत जिन 13 श्रम कानूनों को निरस्‍त करके एक कानून बनाए जाने की बात की जा रही है, उनमें श्रमजीवी पत्रकार और अन्‍य समाचारपत्र कर्मचारी (सेवा की शर्तें) और प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम,1955 तथा श्रमजीवी पत्रकार (मजदूरी की दरों का निर्धारण) अधिनियम, 1958 को भी गुपचुप तरीके से शामिल कर लिया गया है। ज्ञात रहे कि उपरोक्‍त दोनों अधिनयम श्रमजीवी पत्रकारों और गैर-पत्रकार अखबार कर्मचारियों को रोढ़ी कूटने वाले मजूदरों की श

राहुल गांधी के साथ उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री दीपक कुमार।

Image
राहुल गांधी के साथ उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री दीपक कुमार।

सांसद रामचंद्र पासवान की अस्थियों का विसर्जन

Image
दलित सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष और लोक जनशक्ति पार्टी के उपाध्यक्ष, सांसद रामचंद्र पासवान जी की अस्थियों का विसर्जन प्रयाग में गंगा में किया गया। रामचंद्र पासवान जी के बेटे प्रिंस और भतीजे सांसद चिराग पासवान मुख्य रूप से मौजूद थे।

तड़पती बेरोजगारी

Image
रोजगार मेले में सजी दुकानें हजार हैं, फिर भी तड़प रहे बेरोजगार हैं। कोई भी एक दुकान नहीं, जिसमें रोजगार मिल रहा है। यह कैसी नीति? हमारा भारत दुनिया के लिए खुला बाजार बन तमाम बडे़-बडे़ देशों के लिए रोजगार उपलब्ध करा रहा है और हमारे देश के हर घर में बेरोजगारी पैर पसार रही है। हम भले ही रोजगार उपलब्ध कराने के लिए नित नए दावे कर रहे हैं, पर हाल यह है कि कुछ हाथों को रोजगार मिल रहा है तो दुगने हाथों से रोजगार छिन रहा है। क्या है कोई, जो इस विकराल समस्या पर चिंतित होकर हर हाथ को रोजगार देने का काम कर सके ?