बेनी बाबू : स्मृति शेष
बेनी बाबू : स्मृति शेष (11 फरवरी 1941--27 मार्च 2020) बेनी प्रसाद वर्मा (बेनी बाबू, 79) के छात्र जीवन (1958-60) की दो विशिष्टताएं रहीं| तब वे शिक्षा की दहलीज पर थे| प्रचलन यह था कि जनपदीय छात्र डिग्री कॉलेज में दाखिले की कोशिश ही करते थे| मगर पिछले सदी के पांचवें दशक के अन्त में लखनऊ विश्वविद्यालय में प्रवेश कईयों ने शुरू किया| इस नये अभियान के हरावल दस्ते में बेनी प्रसाद वर्मा रहे| मैं तब एम. ए. कर रहा था जब बाराबंकी के ही प्रदीप यादव ने बेनी बाबू से मेरी भेंट कराई थी| छात्र प्रदीप के अग्रज स्व. रामसेवक यादव सोशलिस्ट पार्टी के सांसद थे| फिर आया उनका राजनीतिक चेतना वाला पहलू| तब लोहिया का आकर्षण युवा वर्ग के लिए बहुत था| हालांकि स्टूडेंट फेडरेशन (कम्युनिस्ट पार्टी) के प्रति कशिश भी छात्र वर्ग में थी| बेनी बाबू समाजवादी युवक सभा में शरीक हुए| तब मैं उस सभा की यूनिवर्सिटी कमेटी का सचिव था| प्रदेश सचिव जनेश्वर मिश्र थे| वर्मा जी से परिचय हुआ| यूनियन का चुनाव आया| मैं अध्यक्ष पद का प्रत्याशी था| बेनी बाबू की मदद मिली| किन्तु दो वर्ष बाद उनके जनपदीय (बाराबंकी) साथी श्यामलाल बाजपेयी (बा...