News or havoc of Former Chief minister Mulayam Singh Yadav and RSS Chief Mohan Bhagwat
 खबर अथवा कहर !! के. विक्रम राव         एक रिपोर्टर के नाते मेरी यह निजी अवधारणा है कि हम हजार शब्दों की रपट भी लिख डालें, पर प्रेस फोटोग्राफर साथी की एक उम्दा फोटो का केवल एक शॉट हमसे कहीं ज्यादा अभिव्यक्ति कर देता है। मसलन आज के (22 दिसंबर 2021) दैनिकों में मुलायम सिंह यादव और उनके कट्टर विरोधी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंचालक मोहन मधुकर भागवत एक ही सोफा पर, केवल सांस की दूरी पर, विराजे हैं। फोटो बिना कहे, काफी कुछ कह देती है। अवसर था मुप्पवरपु वेंकय्या नायडू (उपराष्ट्रपति) के घर एक वैवाहिक समारोहवाला। टिप्पणियों और चुटकियों का सिलसिला अनवरत चला। अखबारों में और टीवी के पर्दे पर भी।         गत वर्ष साथी हेमंत शर्मा की अयोध्या पर लिखी पुस्तक के विमोचन पर रामगोपाल यादव और मोहन भागवत के बीच में अमित शाह वाली फोटो तब चर्चित रही। मगर परिवेश राजनीतिक नहीं, साहित्यिक था अत: ज्यादा बवाल नहीं मचा था। मगर आज के चुनावी माहौल में ऐसी घटनायें गरम खबर बन जातीं हैं। बड़ी कहर भी। मेरी मातृभाषा तेलुगु में कहावत है कि ताड़ी के पेड़ के नीचे दूध मत पियो, वर...
