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Showing posts from December 21, 2021

Bihar Motihari eastern Champarn News

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 सवर्णों के लिए बने नए कानून और आयोग पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी को मांगनी होगी माफी नही तो स्वर्ण समाज की ओर से होगा बड़ा आंदोलन : अभिजीत सिंह मोतिहारी,पू.चम्पारण (बिहार): बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने ब्राह्मणों को लेकर दिये गये एक विवादित बयान पर बवाल बढ़ता जा रहा है.दरअसल जीतनराम मांझी ने पिछले दिनों ब्राह्मणों पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी.साथ ही मांझी ने देवी-देवताओं के लिए भी अभद्र भाषा का प्रयोग किया था। इसी कड़ी में आज जन अधिकार पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अभिजीत सिंह ने प्रेस को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी से सार्वजनिक माफी की अपील की, अन्यथा स्वर्ण समाज की तरफ से पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के खिलाफ बड़े आंदोलन करने की चेतावनी भी दी। साथ ही श्री सिंह ने कहा कि स्वर्ण समाज के लिए एक नए आयोग का गठन हो साथ ही साथ नए कानून बनाए जाएं। जिससे सवर्ण समाज अपने आप को इस प्रदेश में और इस देश में सुरक्षित महसूस करें।  समाज सुधार यात्रा के नाम पर अपनी नाकामियों को छुपा रही है नीतीश सरकार : अभिजीत उन्होंने नीतीश कुमार के समाज सुधार यात्रा के ऊपर भी कई सवाल

Adani Enterprises wins Ganga Expressway project worth Rs 17000 crore for Meerut to prayagraj way

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राहुल गांधी का आरोप "हम दो, हमारे दो"  हुआ और मजबूत अडानी ग्रुप बनाएगा गंगा एक्सप्रेसवे,  17 हजार करोड़  का है प्रोजेक्ट                                                प्रतीकात्मक फोटो मुबाहिसा: आर. के. मौर्य भले ही भारतीय जनता पार्टी या उसके समर्थक और सरकारी दावे यह कहें कि देश के दूसरे सबसे अमीर अडानी ग्रुप को अपने काम की काबिलियत और सभी सरकारी नियमों का पालन करने के साथ प्रोजेक्ट मिल रहे हैं, लेकिन इसके विपरीत निरंतर प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा लगाया जा रहा आरोप "हम दो,हमारे दो" भी कमजोर नहीं बल्कि दिन प्रतिदिन मजबूत होता जा रहा है कि देश के दो ही प्रमुख उद्योगपतियों को सभी सरकारी प्रोजेक्ट और सरकारी कंपनियों की बिक्री का सीधा लाभ मिल रहा है। राहुल गांधी के इस आरोप को गंगा एक्सप्रेसवे बनाने का प्रोजेक्ट अडानी ग्रुप को मिल जाने से और मजबूती मिली है। देश में प्रमुख उद्योगपति होते हुए भी गौतम अडानी या उनके अडानी ग्रुप का 2014 से पूर्व देश की आम जनता को नाम तक नहीं पता था, लेकिन आज देश में अगर उद्योगपति और अमीरों की बात होती है तो दो ही नाम साम

Doctor Ram Manohar Lohia and Goa

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 मोदीजी, कृपया लोहिया को ठीक से जानिये !! के. विक्रम राव             नरेन्द्र मोदी ने अपने डेढ घंटे के संबोधन में गोवा मुक्ति संघर्ष के जनक डा. राममनोहर लोहिया का नाम केवल एक बार लिया। स्वतंत्रता दिवस के दिन तलईगांव में जनसभा कल (19 दिसम्बर 2021) थी। प्रधानमंत्री का यह उल्लेख भी केवल वाक्यांश के तौर पर। सरसरी रीति से। इससे नेहरुवादी अतीव प्रमुदित हुये होंगे। राष्ट्रभक्त मर्माहत।            इतिहास में दर्ज है कि सर्वप्रथम 18 जून 1946 को  गोवा की साम्राज्यवादी पुर्तगाल सरकार को ​लोहिया की जनसभा से चुनौती मिली थी। उसे बाधित किया गया तथा लोहिया को नजरबंद कर दिया। यह चार सदियों की गुलामी के युग के में गोवा का प्रथम स्वाधीनता संघर्ष था। मगर उस दौर के नेहरु—समर्थक कांग्रेसी इस गोवा संघर्ष के प्रारम्भ की आलोचना करते रहे। ''लोहिया एक जीवनी'' में लेखक—द्वय अरविंद मोहन तथा ओम प्रकाश दीपक ने कहा था : ''नेहरु ने फरवरी 1947 को कहा था कि गोवा की आजादी का प्रश्न गौण है।'' बल्कि बताया था ''गुलाम गोवा केवल एक फुंसी है जिसे कभी भी मसला जा सकता है।'' मगर विप