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Showing posts from April 20, 2020

corona : करोगे बात तब तो बनेगी बात

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मुख्य बिंदु विषम परिस्थिति में किसी बात पर गलत कदम उठाने से बेहतर आपस में करें बात  आपस में बात करने से ही निकलेगा समस्या का हल, न समझें अपने को अकेला यह भी सोचें- मुसीबत की घड़ी तो सभी के लिए है न केवल किसी एक के लिए को रोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पूरे देश में लाॅकडाउन का दूसरा चरण चल रहा है, जो तीन मई तक चलेगा। करीब एक माह से घरों की लक्ष्मण रेखा के अंदर रहते-रहते ऊबना स्वाभाविक है, लेकिन इस वायरस से बचने का और कोई उपाय भी तो नहीं है। इसलिए इन विषम परिस्थितियों में अपने मन में किसी भी तरह के नकारात्मक विचार को न पनपने दें। चिकित्साधिकारी डाॅ. रोहताश यादव का कहना है कि मानसिक तनाव की स्थिति में भी कोई गलत कदम न उठाएं, जिसको अपने सबसे करीब समझते हैं उससे बात कीजिए, यकीन मानिए-बात-बात में कोई न कोई रास्ता जरूर निकलेगा। डॉ यादव के मुताबिक, लाॅकडाउन के चलते परिवार का कोई सदस्य बाहर है तो उनके संपर्क में रहिए, क्योंकि यह ऐसा वक्त है कि बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक के मन में तरह-तरह के सवाल पैदा होना स्वाभाविक है। बच्चों को जहां अपनी पढ़ाई और परीक्षा की चिंता है

corona : कोरोना से बचना है तो धूम्रपान मत करना

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मुख्य बिंदु हाथ और होठों के संपर्क से संक्रमण फैलने का खतरा रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी करता है कमजोर धूम्रपान का सीधा असर स्वसन प्रणाली व फेफड़ों पर  कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण की चपेट में आने से बचना है तो धूम्रपान से तौबा करने में ही भलाई है। बीड़ी-सिगरेट संक्रमित हो सकते हैं और उँगलियों व होंठों के संपर्क में आकर वह आसानी से संक्रमण फैला सकते हैं। हालाँकि सरकार ने सिगरेट व अन्य तम्बाकू उत्पादों की बिक्री पर रोक लगा रखी है, फिर भी लोग चोरी-छिपे इसका इस्तेमाल कर अपनी जान को जोखिम में डालने से बाज नहीं आ रहे हैं । इन उत्पादों का सेवन कर इधर-उधर थूकने से भी संक्रमण का खतरे की आशंका में ही सरकार ने खुले में थूकने पर भी रोक लगा रखी है, इसका उल्लंघन करने पर दण्ड का प्रावधान भी किया गया है। चिकित्सा अधिकारी डाॅ. सुष्पेंद्र कुमार का कहना है कि धूम्रपान से व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, जिसके चलते कोरोना जैसे वायरस सबसे पहले ऐसे लोगों को ही अपनी चपेट में लेते हैं,  इसके अलावा बीमारी की चपेट में आने पर ऐसे लोगों के इलाज पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है

UP : गंभीर बीमारी से पीड़ित थे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता

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यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ठ का निधन हो गया है। वह बीमार थे और दिल्ली एम्स में भर्ती थे। वहीं उन्होंने अंतिम सांस ली। वन रेंजर पद से सेवानिवृत्त थे आनंद आनंद सिंह बिष्ट वन विभाग में रेंजर के पद पर रहे। सेवा से रिटायर होने के बाद उन्‍होंने ट्रांसपोर्ट का संचालन भी किया। सेवानिवृत्ति के बाद से वह  उत्तराखंड में यमकेश्वर के अपने पैतृक गांव पंचूर में रह रहे थे। उनके परिवार में पत्‍नी सावित्री देवी के साथ-साथ चार बेटे और तीन बेटियां हैं। बेटों में बड़ा मानेंद्र है, दूसरे नंबर पर योगी आदित्य नाथ (अजय सिंह बिष्ट) हैं, तीसरा बेटा शैलेन्द्र मोहन और चौथा महेंद्र है। बेटियों के नाम पुष्पा देवी, कौशल्या देवी, शशि देवी हैं। योगी के बड़े भाई गौरव बताते हैं कि आदित्यनाथ चार भाई और तीन बहनों में दूसरे नंबर पर हैं। उनके दो भाई कॉलेज में नौकरी करते हैं, जबकि एक भाई सेना की गढ़वाल रेजिमेंट में सूबेदार हैं। आदित्यनाथ ने 21 साल की उम्र में ही परिवार छोड़ दिया था और वो गोरखपुर आ गए थे। उनके पिता 24 साल पहले उत्तराखंड के एक गांव से संन्यास की दीक्षा लेने वाले बे