corona : करोगे बात तब तो बनेगी बात
मुख्य बिंदु विषम परिस्थिति में किसी बात पर गलत कदम उठाने से बेहतर आपस में करें बात आपस में बात करने से ही निकलेगा समस्या का हल, न समझें अपने को अकेला यह भी सोचें- मुसीबत की घड़ी तो सभी के लिए है न केवल किसी एक के लिए को रोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पूरे देश में लाॅकडाउन का दूसरा चरण चल रहा है, जो तीन मई तक चलेगा। करीब एक माह से घरों की लक्ष्मण रेखा के अंदर रहते-रहते ऊबना स्वाभाविक है, लेकिन इस वायरस से बचने का और कोई उपाय भी तो नहीं है। इसलिए इन विषम परिस्थितियों में अपने मन में किसी भी तरह के नकारात्मक विचार को न पनपने दें। चिकित्साधिकारी डाॅ. रोहताश यादव का कहना है कि मानसिक तनाव की स्थिति में भी कोई गलत कदम न उठाएं, जिसको अपने सबसे करीब समझते हैं उससे बात कीजिए, यकीन मानिए-बात-बात में कोई न कोई रास्ता जरूर निकलेगा। डॉ यादव के मुताबिक, लाॅकडाउन के चलते परिवार का कोई सदस्य बाहर है तो उनके संपर्क में रहिए, क्योंकि यह ऐसा वक्त है कि बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक के मन में तरह-तरह के सवाल पैदा होना स्वाभाविक है। बच्चों को जहां अपनी पढ़ाई और परीक्षा की चिंत...