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Showing posts from May 25, 2021

ARYA SAMAJ : संसार का उपकार करना आर्य समाज का मुख्य उद्देश्य : दयानंद सरस्वती

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संसार का उपकार करना आर्य समाज का मुख्य उद्देश्य : दयानंद सरस्वती आर्य समाज की स्थापना महर्षि दयानंद सरस्वती ने सन 1875 में की थी। इसके लिए सर्वप्रथम उन्होंने इसके नियमों की रचना की और बाद में स्थानादि की व्यवस्था के प्रश्न को देखा। स्वामी जी ने आर्य समाज के नियमों की रचना लाहौर में अपने एक मुस्लिम मित्र के निवास स्थान पर रहकर की थी। पहले अनेक नियम थे। बाद में उन्हें व्यवस्थित करके 10 नियमों में संजोया गया। जिसके छठे नियम में उन्होंने लिखा, 'संसार का उपकार करना इस समाज का मुख्य उद्देश्य है।'आर्य समाज के दूसरे नियम में स्वामी जी ने कहा कि ईश्वर सच्चिदानंद स्वरूप निराकार    आर्य समाज की स्थापना महर्षि दयानंद सरस्वती ने सन 1875 में की थी। इसके लिए सर्वप्रथम उन्होंने इसके नियमों की रचना की और बाद में स्थानादि की व्यवस्था के प्रश्न को देखा। स्वामी जी ने आर्य समाज के नियमों की रचना लाहौर में अपने एक मुस्लिम मित्र के निवास स्थान पर रहकर की थी ।पहले अनेक नियम थे । बाद में उन्हें व्यवस्थित करके 10 नियमों में संजोया गया। जिसके छठे नियम में उन्होंने लिखा, 'संसार का उपकार करना इस समाज क

Israel : भगत सिंह फिर जन्मे, मगर पड़ोस के घर में !

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 भगत सिंह फिर जन्मे, मगर पड़ोस के घर में !        देश बनता है राष्ट्रनायकों के उत्सर्ग से। संघर्षशील इस्राइल इस तथ्य का जीवंत प्रमाण है। आठ अरब देशों, सभी शत्रु, की 42 करोड़ आबादी का मुकाबला सात दशकों से 90 लाख जनसंख्यावाला इस्राइल अकेला कर रहा है। तीन युद्ध लड़ा और सभी जीता भी।         इस्राइल में हर 18 वर्ष से ऊपर का किशोर अनिवार्य तौर पर दो वर्षों तक सेना में​ शिक्षण पाता है। सिवाय दिव्यांग और धर्म कार्य में रत लोगों के। युवतियों के लिये भी सैन्य सेवा अनिवार्य है। प्रधानमंत्री बैंजामिन नेतनयाहू तो सेना में प्रशिक्षित रहे और युद्धरत भी। उनके दो बेटे हैं। बड़ा तीस—वर्षीय येयर नेतनयाहू फौजी सेवा कर, अब अंतर्राष्ट्रीय विषय पढ़ा रहा है। अब उसका अनुज छब्बीस—वर्षीय एवरिल भी सेना में भर्ती हुआ। वह सेना कम्बेट विंग (लड़ाकू बटालियन) में भर्ती हुआ। हालांकि प्रधानमंत्री के पुत्र को कम खतरनाक टुकड़ी में रखने की पेशकश हुयी थी। मगर ए​वरिल ने स्पष्ट किया कि वह अपने पिता तथा अग्रज की भांति सार्वजनिक जीवन में नहीं जायेगा। राजनीति से उसे घृणा है। वह इसे भ्रष्टाचार और तुरंत अमीर बन जाने का सुलभतम राह ब