ARYA SAMAJ : संसार का उपकार करना आर्य समाज का मुख्य उद्देश्य : दयानंद सरस्वती
संसार का उपकार करना आर्य समाज का मुख्य उद्देश्य : दयानंद सरस्वती आर्य समाज की स्थापना महर्षि दयानंद सरस्वती ने सन 1875 में की थी। इसके लिए सर्वप्रथम उन्होंने इसके नियमों की रचना की और बाद में स्थानादि की व्यवस्था के प्रश्न को देखा। स्वामी जी ने आर्य समाज के नियमों की रचना लाहौर में अपने एक मुस्लिम मित्र के निवास स्थान पर रहकर की थी। पहले अनेक नियम थे। बाद में उन्हें व्यवस्थित करके 10 नियमों में संजोया गया। जिसके छठे नियम में उन्होंने लिखा, 'संसार का उपकार करना इस समाज का मुख्य उद्देश्य है।'आर्य समाज के दूसरे नियम में स्वामी जी ने कहा कि ईश्वर सच्चिदानंद स्वरूप निराकार आर्य समाज की स्थापना महर्षि दयानंद सरस्वती ने सन 1875 में की थी। इसके लिए सर्वप्रथम उन्होंने इसके नियमों की रचना की और बाद में स्थानादि की व्यवस्था के प्रश्न को देखा। स्वामी जी ने आर्य समाज के नियमों की रचना लाहौर में अपने एक मुस्लिम मित्र के निवास स्थान पर रहकर की थी ।पहले अनेक नियम थे । बाद में उन्हें व्यवस्थित करके 10 नियमों में संजोया गया। जिसके छठे नियम में उन्होंने लिखा, 'संसार का उपकार करना इस समाज क...