Book review : फॉर्मूला 44 की लघु कथाएं
![Image](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi42sITuvIdMXJDlssaOlyV33pd4-jlVa9r1oKcTvhQrfEg3eds2xJVwXJMn29rXagCDZ815rvHc0MH9ESmCiKK3gEtngvJJaIOmd7NQM7qh65zSmYkepeq5VxZeAPCl76xD3C0y4pqHqw/s320/IMG-20210305-WA0274.jpg)
" विविध विषयों को समेटे हुए बहुरंगी पुष्प गुच्छ है फार्मूला 44 की लघु कथाएं ।" डाक्टर पुष्पलता अधिवक्ता हिंदी साहित्य के क्षेत्र में एक सुपरिचित नाम हैं।वे एक प्रसिद्ध साहित्यकार हैं और अनेक सरकारी- गैर सरकारी उच्च स्तरीय सम्मानों से सम्मानित हो चुकी हैं। उनका लेखन साहित्य की अनेक विधाओं में है। उनके लेखन में निरंतरता है और इस कारण उनकी एक पत्रकार जैसी खोजी दृष्टि समाज में घटित सभी प्रकार की घटनाओं को अपने लेखन का विषय बना लेती है। उनकी अब तक लगभग 21 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं जिनमें अनेक गीत संग्रह,तीन खण्ड काव्य, उपन्यास,बालगीत,बाल उपन्यास , सूफी टप्पे ,कहानी संग्रह व लघु कहानियों का संग्रह हैं। इस वर्ष उनकी नव प्रकाशित लघु कहानियों का संग्रह " फार्मूला -44 "मेरे हाथ में है। सर्व प्रथम कहानी संग्रह का शीर्षक ही पाठक को आकर्षित करता है पढ़ने के लिए।इस संग्रह में 41 कहानियाँ हैं जिनके विषय अपने आस-पास घटित सामान्य घटनाएं हैं जो प्रभावित करती हैं। कुछ कहानियों में संदेश है तो कुछ में साहित्य जगत में आपसी होड़ व आपाधापी का सजीव चित्रण है। ' मेरा कि