NGOs and how many treatments suprime Court
एनजीओ ! और कितने उपचार ? के. विक्रम राव एनजीओ (गैरसरकारी संस्थान) की जनसेवा पद्धति पर नजर तिरछी करते हुये एक बार फिर कल (9 नवम्बर 2021) सर्वोच्च न्यायालय ने अपना फिक्र व्यक्त किया। आदेश दिया कि हर दान की राशि के व्यय करने का उद्देश्य बताना लाजिमी है। राजग सरकार द्वारा विदेशी वित्तीय चन्दे से संबंधी कानून के संशोधन—नियमों को कुछ एनजीओ ने चुनौती दी थी। उनकी याचिका पर अदालत में विचार हुआ। इस संदर्भ में मेरी एक निजी व्यथा का उल्लेख कर दूं। जब भी मैं सेवाग्राम (वार्धा), जहां मेरा बचपन गुजरा, तीर्थ करने जाता हूं तो पाता हूं कि इस नगर में एनजीओ की संख्या ज्यादा बढ़ गयी है। इन्होंने धनराशि पाने हेतु अपना पता बापू द्वारा पुनीत की गयी इस भूमि का ही दिया है। देश—दुनिया में गांधी जी (राष्ट्रपिता, न कि कांग्रेसी) का नाम खूब भुनाया जाता है। ऐसा क्यों हुआ कि इतने साल बीते मगर किसी भी सरकार ने इसकी परख करने या दुरुपयोग रोकने का प्रयास नहीं किया? सरकारी अमला भी लूट का बटाईदार हो गया है। क्या वजह है कि अधिकतर एनजीओ के मालिक अवकाशप्राप्त प्रशासकगण हैं। कई पुराने आईएएस अफ...