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Showing posts from February 1, 2020

जम्मू : महात्मा गांधी का शहादत दिवस मनाया

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महात्मा गांधी के शहादत दिवस पर गांधी ग्लोबल फैमिली की जम्मू -कश्मीर इकाई द्वारा 30जनवरी को जम्मू की ऐतिहासिक मुबारक मंडी में आयोजित शहीदी दिवस पर उमड़ी भीड़ ने यह प्रमाणित किया कि महात्मा गांधी को जो इस सूबे से सन 1947 में मोहब्बत और भाईचारे के आशा की किरण दिखाई दी थी वह आज भी बरकरार है । न केवल जम्मू से बल्कि कारगिल ,श्रीनगर सहित दूरदराज के हर कोने से लोग आए थे जो गांधी विचार से प्रभावित थे तथा स्व0 दीदी निर्मला देशपांडे जी से प्रेरित रहे थे । अनेक ऐसे लोग थे जिन्होंने स्व0 दीदी के साथ इस सूबे में सद्भाव का काम किया था पर आज उनके जाने के बाद स्वयं को नेतृत्वहीन मानते थे । प्रसन्नता की बात यह थी कि बापू को श्रद्धांजलि देने वालों हजारों की संख्या में उमड़े जनसैलाब में अधिकांश युवा व विद्यार्थी थे* ।   सभा के आयोजक पद्मश्री डॉ एस पी वर्मा ने स्व0 दीदी से ही सबको जोड़ने के हुनर को सीखा था । संत विनोबा जी के पंच शक्ति सहयोग की तमाम शक्ति यानी विद्वद, सज्जन , शासन,महाजन एवम जन शक्ति का सम्पूर्ण दर्शन इस कार्यक्रम में था । सभी राजनैतिक दलों ,धार्मिक एवम स्वयमसेवी संगठनों के क

बापू का शहादत दिवस : नफरत की आग सुलगाई

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महात्मा गांधी के शहीदी दिवस 30 जनवरी को  एक गोपाल शर्मा नाम के युवक ने एक देशी तमंचे से जामिया मिलिया ,दिल्ली में आंदोलनकारियों पर *यह लो आज़ादी*  और *जय श्री राम* का नारा लगाते हुए , निशाना साध कर पुलिस की हाजिरी में गोली चलाई जिससे एक  नौजवान घायल हो गया । यह एक ऐसा कृत्य है जिसकी कठोर निंदा की जानी चाहिए ।  गोली चलाने का भी ऐसा दिन चुना गया जिस दिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जघन्य हत्या एक हत्यारे नाथूराम गोडसे ने गोली मार कर  दी थी ।  अब यदि कोई यह कुतर्क दे कि गोली तो तमंचे से चली थी। तमंचा एक नाबालिग के हाथों में था। यह नाबालिग काफी दिनों से परेशान था और इसी परेशानी में ही उसने यह कुकृत्य किया तो यह समझ से बाहर की बात है। यदि वह परेशान था तो उसने यह काम कहीं और क्यों नहीं किया? क्या वह देसी तमंचे की खोज किसी परेशानी में ही उससे हो गई? यह सब निरापद प्रश्न है? जिसे उठाया जा रहा है। पर एक बात हम ध्यान रखें कि हम भविष्य की एक ऐसी पीढ़ी को पोषित कर रहे हैं जो परेशानियों का बहाना लेकर अपने मन, दिल व शरीर में नफरत की आग सुलगा कर यह काम करेंगे। उनका निशाना होगा, उनके घृणा से भरे हुए