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Showing posts from December 6, 2019

हैदराबाद :नाकामी छिपाने के लिए मुठभेड़ के नाम पर पुलिस ने किया कत्ल ?

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                                                                        मुबाहिसा : राजेन्द्र मौर्य                         रात को सबकुछ अच्छे की उम्मीद लेकर लोग सोते हैं, लेकिन इन दिनों देखा जा रहा है कि दिन निकलते ही कोई न कोई हतप्रभ कर देने वाली खबर मिलती है, जिसे देश की भोली-भाली जनता सरकार या पुलिस की बहादुरी का कारनामा मानकर खुशी मनाने लगती है। जनता तो जनता कुछ टीवी पर मुखड़ा दिखाने के लिए बेताब विभिन्न वर्गों के स्वयंभू प्रतिनिधि भी आधारहीन बहस का हिस्सा बन जाते हैं, जिसमें लोकतांत्रिक व्यवस्था और कानून की खूब धज्जियां उड़ाई जाती हैं। आज सुबह उठा तो मेरे एक मित्र राजकिशोर बादली ने बताया कि एक कवयित्री ने वाट्सएप संदेश दिया है कि हैदराबाद कांड के चारों आरोपियों को मुठभेड़ में मार गिराया है। यकीन नहीं हुआ तो तुरंत अपने समाचार तंत्र से पुष्टि की। कुछ देर तक सोचने और मीडिया की बहसों, हैदराबाद पुलिस की ब्रीफिंग, संसद की जनभावना से मेल खाती प्रतिक्रिया सुनीं। पूरे विश्लेषण के बाद एक बात तय लग रही है कि यह पुलिस मुठभेड़ नहीं है, बल्कि तेलंगाना सरकार और हैदराबाद पुलिस की नाकामी को छिपा

वीडियो: बाबा साहेब अंबेडकर ने दिया समानता का अधिकार : मोदी

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तेलंगाना : हैदराबाद कांड के चारों आरोपी मुठभेड़ में ढेर

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हैदराबाद कांड के चारों आरोपियों को पुलिस ने उस समय मुठभेड़ में मार गिराया, जब वे पुलिस कस्टडी से भागने की कोशिश में थे। हालाँकि इस मुठभेड़ की सत्यता को लेकर सवाल भी उठने लगे हैं। आपराधिक मामलों में मीडिया ट्रायल बंद होना चाहिए। टीवी पर जिस तरह मुठभेड़ को सही मान पुलिस की बहादुरी का कारनामा बताया जा रहा है। उसे भविष्य के लिए खतरनाक माना जाना चाहिए। न्यायिक प्रक्रिया को भावनात्मक नजरिए से तय करना कतई ठीक नहीं माना जा सकता है। यह तर्क ठीक नहीं कि न्यायालय में फैसला आने में समय लगता है, एेसे में इस "मुठभेड़'' के जरिए तुरंत न्याय की बात को भी सही नहीं माना जा सकता है।

यूपी : उन्नाव में सामूहिक दुष्कर्म पीड़ित युवती को पहले पीटा फिर पेट्रोल डालकर जलाया

अभी तो हैदराबाद कांड की आग भी ठंडी नहीं हुई कि यूपी का उन्नाव एक बार फिर चर्चा में  आ गया है। पांच दिसंबर को एक सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता को पांच-छह युवकों ने पहले पीटा और  फिर पेट्रोल डालकर जला दिया। युवती ने मजिस्ट्रेट को दिए बयान में जलाने वाले सभी आरोपियों के नाम बता दिए हैं।  पुलिस ने सभी आरोपियों को पकड़ लिया है। पुलिस के मुताबिक युवती मुकदमे को लेकर रायबरेली जाने के लिए ट्रेन पकड़ने बैसवारा बिहार रेलवे स्टेशन जा रही थी। गौरा मोड़ पर गांव के हरिशंकर त्रिवेदी, किशोर, शुभम, शिवम, उमेश ने घेर लिया और सिर पर डंडे से और गले पर चाकू से  वार किया। वह चक्कर आने से गिरी  तो पेट्रोल डालकर आग लगा दी। शोर मचाने पर भीड़ को आता देख आरोपी भाग निकले। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि पूर्व में आरोपियों ने उसके साथ दुष्कर्म किया था। पीड़िता के अनुसार जनवरी 2018 को गांव का ही युवक शिवम त्रिवेदी उसे शादी का झांसा देकर रायबरेली लेकर गया था। 19 जनवरी 2018 को रायबरेली में शादी का शपथपत्र भी बनवाया। इसके बाद अलग अलग स्थानों पर रखकर रेप किया।12 दिसंबर 2018 को शिवम और ग्राम प्रधान के पुत्र शुभम ने गांव में