Police Encounter: धनिया की मां का श्राप
धनिया की मां का श्राप तारीख थी 10 फरवरी 1981 यानि आज से 39 बरस पहले मिश्रिख थाने की पुलिस ने एक बाग में कुछ लोगो को सुनियोजित तरीके से मार कर पुलिस मुठभेड़ का नाम दिया और उन लोगो को डाकुवो का एक गैंग बताया ,इनमे चेतरानी उर्फ धनिया भी थी जो अपने घर मे साड़ी पहने आराम से अपना काम कर रही थी ,पुलिस उसको घर से पकड़ ले गई ,उसके बाल कटवाए,पैंट शर्ट पहनाई और दश्यू सुंदरी बता कर उसका भी इनकाउंटर कर दिया ,उस दौर में पुलिस आउट ऑफ टर्न प्रमोशन के लिए ऐसे खेल खूब करती थी ,घटना के बाद जब पोस्टमार्टम हाउस पर धनिया की माँ जब उसकी लाश लेने के लिए आई तो अपने जीवन की एक मात्र सहारा उस बेटी की लाश देखकर उस विधवा ने तत्कालीन एसपी मैनेजर पांडेय के सामने बिलख बिलख कर कहा था कि "जिस तरह मैं अपने जिगर के टुकड़े की लाश लिए रो रही हु ,एक दिन तुम भी अपनी औलाद के लिए ऐसे ही तड़प तड़प कर रोवोगे ,"वक़्त बीत गया एस पी साहब का यहा से तबादला हो गया कुछ समय बाद वो शाहजहांपुर के एस पी बने वो अपनी बेटी की शादी के सिलसिले में पूरे परिवार सहित जा रहे थे उनकी कार दुर्घटनाग्रस्त हुई और मैनेजर पांडेय को छोड़कर उनके परिवार म...