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Showing posts from June 20, 2021

Suprime court ; असहमति की सीमा, प्रतिरोध के प्रकार

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 असहमति की सीमा, प्रतिरोध के प्रकार के. विक्रम राव          पूर्वी दिल्ली के दंगों (फरवरी 2020) वाले मुकदमें के अभियुक्तों पर उच्चतम न्यायालय का कल (18 जून 2021) का आदेश कहीं अधिक निर्णयात्मक हो सकता था। अभियुक्तों की जमानत निरस्त तथा हाईकोर्ट के आदेश को ही रद्द किया जा सकता था। ये आरोपी जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय के तीन दंगाई छात्र हैं जिनकी मंशा और मकसद पर गौर होना चाहिये था। दंगा का समय था जब अमेरिकी राष्ट्रपति राजकीय यात्रा पर दिल्ली आये थे। दुनियाभर के संवाददाता उपस्थित थे। अर्थात स्थानीय खबर पूरे भूलोक में प्रसारित होती और हुयी भी। भारत की छवि खराब करने की सुविचारित षड़यंत्र था। इन दंगों में 53 नागरिक मार डाले गये थे। करीब 700 घायल हुये थे।         दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्तिद्वय सिद्धार्थ मृदुल और अनूप जे. भंभानी ने अभियुक्तों की साधारण जमानतवाली याचिका पर विस्तृत 100 पृष्ठवाला फैसला लिखा। इसे उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्तिद्वय हेमंत गुप्ता तथा बी. रामसुब्रहमण्यम ने अचंभाभरा तथा बहुत लम्बा बताया। उन्होंने कहा कि इस आदेश की समुचित समीक्षा होगी। शीर्ष अदालत की राय में &#

Chirag Vs Paras : पासवान के चहेते अब पारस के खेमे में, चिराग मिले स्पीकर से

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 पासवान के चहेते अब पारस के चहेते बने, चिराग मिले स्पीकर बिड़ला से दिवंगत दलित नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के चहेतों को अपनी ओर खींचने के लिए पशुपति पारस ने अपनी कार्यकारिणी की पहली सूची में खूब जगह दी है। उनका यह प्रयास भी चिराग पासवान को मैदान में अकेले छोड़ देने का है। इसका एक बड़ा कारण यह भी है कि चिराग पासवान पूरी तरह से खालिक और एपी बाजपेई पर निर्भर हो चुके हैं, जबकि रामविलास पासवान किसी पर निर्भर नहीं थे। वह  देशभर में अपने समर्थक कार्यकर्ताओं से सीधे जुड़े थे और सभी को यथा योग्य संगठन में सम्मान देकर साथ लेकर चलने में विश्वास रखते थे। यह खालिक के पार्टी में बढ़े वर्चस्व का ही परिणाम है कि पासवान के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाले तमाम पार्टी के छोटे बड़े कार्यकर्ता पदाधिकारी पारस की ओर खींचे जा रहे हैं। आज पारस की जारी सूची से तो यही लगता है कि रामविलास पासवान के खास रहे लोगों को उन्होंने अपनी ओर खींचने के लिए कार्यकारिणी में खूब तरजीह दी है। लोजपा पारस गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद पशुपति कुमार पारस ने पार्टी की सभी इकाइयों को भंग कर दिया। कहा कि नय