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Showing posts from November 20, 2021

PM Modi to lay the foundation stone of Ganga Expressway in Meerut in December PrayagRaj UP Bihar

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 मेरठ में गंगा एक्सप्रेस वे का शिलान्यास दिसंबर में पीएम मोदी करेंगे प्रशासन द्वारा मेरठ में गंगा एक्सप्रेसवे के दिसंबर में संभावित शिलान्यास कार्यक्रम के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे गंगा एक्सप्रेसवे का शिलान्यास करेंगे।  शिलान्यास कार्यक्रम मेरठ के कृषि विश्वविद्यालय में किया जाना संभावित है। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को उन्नाव में गंगा एक्सप्रेसवे से लिंक किया जाएगा।   मेरठ से बिहार का सफर  गंगा एक्सप्रेसवे के बनने पर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के जरिए अब मेरठ से बिहार तक का सफर भी अगले चार वर्षों में आसान हो जाएगा। मेरठ से प्रयागराज तक बनाए जाने वाले गंगा एक्सप्रेसवे को बलिया तक बनाया जाना है। बलिया से बिहार राज्य की सीमा शुरू हो जाती है। प्रदेश सरकार का लक्ष्य है पश्चिम से पूर्व तक की दूरी एक्सप्रेसवे के माध्यम से पांच से छह घंटे में पूरी हो सके। इसके लिए यूपीडा ने एक्सप्रेसवे का जाल बिछा दिया है। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को उन्नाव में गंगा एक्सप्रेसवे से लिंक किया जाएगा। गंगा एक्सप्रेसवे का सबसे अधिक एलाइनमेंट...

Meghalaya Governor SatyaPal Malik shows Modi the real face in the election mirror up election 2022 farm laws there was no fear of political loss only in up and punjab and loss of seats only in western up the anger ofthe people was clearly visible to the bjp mps and mlas

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मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने दिखाया प्रधानमंत्री और भाजपा को चुनावी आईने में असली चेहरा                           मुबाहिसा : आर.के.मौर्य   भाजपा को सिर्फ यूपी और पंजाब में सियासी नुकसान का ही डर नहीं था, बल्कि  सांसदों-विधायकों को साफ दिख रहा था कि गांवों में गुस्साए किसानों के सामने वे ठहर नहीं पाएंगे लेकिन कोई भी सांसद या विधायक तो दूर कोई भी पार्टी का कद्दावर नेता इतनी हिम्मत नहीं जुटा पाया कि वह प्रधानमंत्री मोदी को उनके ऐच्छिक कानूनों की जमीनी हकीकत से  रूबरू करा सके। तमाम गोदी मीडिया और चाटुकर नेताओं के कारण मोदी के अड़ियल रुख के सामने विपक्ष की आवाज भी अनसुनी हो गई। ...तो करनी पड़ी काले कानून वापस लेने की घोषणा ऐसे में भाजपा के वरिष्ठ नेता और किसान के सच्चे सपूत मेघालय के सत्यपाल मलिक ने अपनी कुर्सी और हैसियत की परवाह किए बगैर भाजपा नेतृत्व और विशेष रूप से पीएम मोदी को चुनावी आईने में भाजपा का असली चेहरा और जमीनी हकीकत से बहुत ही दमदारी के साथ रूबरू कराया। साथ में उपचुनाव के परिणाम ने भाजपा के स...

farmers-organizations-meeting-can-take-big-decision-on-farm-laws-movement?

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 किसान संगठनों की अहम बैठक में आंदोलन पर होगा बड़ा फैसला                                                       File Photo कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले एक साल से आंदोलन चल रहा था, लेकिन गुरुनानक देव की जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की। पीएम के इस फैसले का किसान संगठनों और सियासी दलों ने स्वागत किया है।  कृषि कानूनों की वापसी के एलान के बाद 32 किसान संगठनों की शनिवार को बैठक होने जा रही है। आगे की रणनीति तैयार करने के लिए किसानों की बैठक होने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कानूनों को वापस लेने का एलान किया। पीएम मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए एक साल से ज्यादा समय से कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील की और अपने खेत व परिवार के बीच लौटने का आग्रह किया। साथ ही कहा कि अगले महीने संसद के शीतकालीन सत्र में तीनों कृषि कानून को वापस लेने की प्रक...

congress-leader-rahul-gandhi-wrote-a-letter-to-farmers-said-that-farm-law-repealed-due-to-your-secrifice

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 किसानों से माफी मांग मोदी ने की तीनों कृषि कानून वापस लेने की घोषणा, कांग्रेस ने सरकार को घेरा मोदी सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि कानूनों को लेकर लंबे समय से विरोध चल रहा है. ऐसे में  पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को  देश के नाम संदेश में किसानों से माफी मांगते हुए साफ कर दिया है कि केंद्र इन तीनों कानूनों को वापस ले रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि किसानों के हित में होने के बावजूद किसानों के भले ही एक वर्ग को ही सही, हम उनको तमाम कोशिशों के बावजूद कृषि कानूनों की अच्छाइयों को समझा नहीं सके इसलिए इन तीनों कानूनों को वापस ले रहे हैं। सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि कानूनों को लेकर लंबे समय से विरोध चल रहा है. ऐसे में  पीएम नरेंद्र मोदी ने घोषणा की है कि केंद्र इन तीनों कानूनों को वापस ले रहा है। मोदी ने कहा कि कानून वापस ले रहे हैं लेकिन इतनी पवित्र बात, पूर्ण रूप से शुद्ध, किसानों के हित की बात, हम अपने प्रयासों के बावजूद कुछ किसानों को समझा नहीं पाए. कृषि अर्थशास्त्रियों ने, वैज्ञानिकों ने, प्रगतिशील किसानों ने भी उन्हें कृषि कानूनों के महत्व को समझाने का भरपूर प्रयास कि...