Don't consider Islam so weak
इस्लाम को इतना क्षीण मत जानिये ! के. विक्रम राव दिल नाशाद हो गया। मन मायूस था। नववर्ष का आह्लाद ही तिरोभूत हो गया। भोर में ''टाइम्स आफ इंडिया'' (आज, 1 जनवरी 2022 पर पृष्ठ—15 : कालम एक, नीचे) में मेरठ की संवाददाता ईशिता मिश्र की रपट पढ़ी। उधृत है। रपट हृदयविदारक थी। जिक्र था कि धर्म—केन्द्र देवबन्द के 22—वर्षीय युवा कृषक एहसान से उसके बचपन के मित्र ने सारे नाते तोड़ दिये। मिल्लत से भी हत्या की धमकी मिल रही है। उसे बिरादरी और शायद जिन्दगी से भी कट जाना हो। ''टाइम्स'' संवाददाता ने सहारनपुर के पुलिस मुखिया आकाश तोमर की बात भी लिखी। मगर आफत इतनी बढ़ी है कि उसके लिये एक सशस्त्र सुरक्षा गार्ड भी तैनात कर दिया गया है। उसके चाचा—मामा आदि ने उसका बहिष्कार कर दिया। एहसान घर से निकल नहीं पा रहा है। तो क्या अपराध था इस मुस्लिम युवा का? गत माह (2 दिसम्बर 2021) वह नरेन्द्र मोदी तथा अमित शाह की जनसभा में गया था। वहां भीड़ नारे लगा रही थी। उसी रौ में, जुनून में एहसान भी भीड़ की आवाज से जुड़ गया। सभा में जब मोदी बोले थे : ''भ...