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Showing posts from February 22, 2020

गुजरात : महाशिवरात्रि और दयानंद सरस्वती

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हम अहमदाबाद में हैं , हाँ वही गुजरात की पूर्व राजधानी । जो काफी नजदीक है काठियावाड़ मोरवी के निकट टंकारा के जहां ऋषिवर दयानंद का जन्म हुआ था । जहाँ आज ही के दिन शिवरात्रि के पर्व पर एक 14 वर्षीय बालक मूलशंकर जो रियासत के दरबारी शिव भक्त क्रष्ण जी तिवारी का पुत्र था , को  बोध हुआ था । उस बालक ने भी इस दिन के महत्व को जान कर पूरे दिन उपवास रख रात्रि को मंदिर में शिवलिंग की पूजा करते हुए जाग कर परमेश्वर प्राप्ति का उद्यम किया था । पर आधी रात होते ही जब सब भक्तजन ऊँघने लगे फिर भी वह जागता रहा शिव प्राप्ति के लिये । पर यह क्या मंदिर के बिल से कुछ चुंहे निकले और लिङ्ग प्रतिमा पर उछल कूद कर उस पर चढ़े फल-मिठाई खाने लगे । और यहीं से उस बालक का भ्रम टूट गया और उसे बोध हुआ कि जो शिव अपनी रक्षा नही कर सकता वह हमारी रक्षा कैसे करेगा ? और तभी घर आकर व्रत तोड़ा और निश्चय किया सच्चे शिव की प्राप्ति का । यही एक ऐसा मोड़ रहा जिसने मूलशंकर को शुद्ध चैतन्य नाम से यात्रा करते हुए दयानंद के मुकाम पर पहुचाया । वह दर-2 भटकते हुए पहुंचा मथुरा एक प्रज्ञाचक्षु सन्यासी स्वामी विरजानंद के पास और उस गुरु ने अपने इस

सियासत में नफरत की खेती से सावधान

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आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान का वक्तव्य न केवल नफरत की आग में घी डालने का काम करेगा वहीं उन ताकतों को भी शक्ति देगा जो नफरत , वैमनस्य तथा अलगाव की ही राजनीति करते चले आ रहे हैं । हम यहां किसी को भी देशभक्ति अथवा राष्ट्रद्रोह का प्रमाण पत्र नही देना चाहेंगे अथवा किसी को भी पाकिस्तान भेजने की धमकी देने का वीसा , पर इतना जरूर है कि ऐसे वक्तव्य देश का माहौल खराब करने का काम करते हैं ।      मेरा स्पष्ट मानना है कि मुस्लिम लीग कभी भी आज़ादी से पहले  भारतीय मुसलमानों की आधिकारिक प्रतिनिधि नही थी । संयुक्त पंजाब अथवा बंगाल तक मे जहाँ मुस्लिम बाहुल्य थे वहां भी 1946 के चुनावों में मुस्लिम लीग पराजित हुई थी । इन दोनों प्रान्तों के अतिरिक्त मुस्लिम लीग की कही तक भी मुसलमानो में कोई पैठ नही थी । मुसलमान थे अपने नेताओं बादशाह खान अब्दुल गफ्फार ,मौलाना आजाद ,डॉ अंसारी जैसे नेताओं के साथ । मुस्लिम लीग का पंजाब एवम बंगाल के नेतृत्व को छोड़ कर अन्य प्रान्तों की लीडरशिप भारत विभाजन के खिलाफ थी इसीलिए भारत के बाहुल्य मुसलमानो ने पाकिस्तान को नकार कर भारत मे ही र

कर्नाटक : सुब्बाराव जी जाना हाल, बेंगलूर का किया भ्रमण

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आदरणीय भाई सुब्बाराव जी की कुशल क्षेम जानने के लिये मुझे तथा मेरी पत्नी श्रीमती कृष्णा कांता राय को  कर्नाटक प्रदेश की राजधानी बेंगलुरु (बेंगलोर) आने का अवसर मिला । इससे पहले भी वर्ष 2015 में ,जब मेरी छोटी बेटी संघमित्रा यहां रह कर जॉब करती थी तो यहां आया था । उस समय पूजा के दिन थे तथा मैसूर का प्रसिद्ध दशहरा भी देखने का मौका मिला था उंटी जो कि बहुत ही आकर्षक पर्यटन स्थल है वहाँ भी गए थे । बेटी हमे  इस्कॉन मंदिर के साथ -2 वृंदावन गार्डन भी लेकर गयी थी । हमारे आने की सूचना जैसे ही हमारे पुराने मित्र श्री बी0 जी0 विजय राव जी को मिली  तो वे हमें अपने परिवार सहित एक डिनर पर ले गए तथा अगले पूरे दिन कला की अद्भुत कीर्ति विधानसभा भवन तथा हरिजन सेवक संघ ,कर्नाटक के अनेक कार्यो को दिखाने ले गए जो न केवल अद्भुत है अपितु प्रेरणादायक भी । श्री विजय राव जी स्व0 निर्मला देशपांडे दीदी के अत्यंत निकटस्थ रहे है तथा वर्तमान में दीदी द्वारा स्थापित संगठन अखिल भारत रचनात्मक समाज के राष्ट्रीय महासचिव तथा लघु समाचार पत्रों के राष्ट्रीय महासंघ के अध्यक्ष है । वे एक बहुत ही मिलनसार तथा खुश

महाशिरात्रि : शिवोहम स्तोत्रम, असीमित ऊर्जा का स्रोत (वीडियो)

शिवोइम स्तोत्रम, जो आपके रोंगटे खड़े कर देगा और असीमित ऊर्जा से भी भर देगा अवश्य सुनें....