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Showing posts from March 6, 2020

यूपी : बुलन्दशहर की प्रदर्शनी से पहले अंग्रेज की मजार पर होती है चादर पोसी

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बु लंदशहर में आज से शुरू  प्रदर्शनी एक महीने तक चलेगी। प्रदर्शनी शुरू होने से एक दिन पहले बृहस्पतिवार को अंग्रेज जॉर्ज मैटिन की मजार पर चादर चढ़ाई गई। प्रदर्शनी से पहले यह रस्म हमेशा अदा की जाती है। बुलंदशहर में इस वर्ष छह मार्च शुक्रवार से जिले में कृषि औद्योगिक एवं सांस्कृतिक प्रदर्शनी का आयोजन शुरू हो गया है। इससे पहले बृहस्पतिवार की शाम को जॉर्ज मैटिन नाम के  अंग्रेज की मजार पर सिटी मजिस्ट्रेट ने पहुंचकर पहले चादर चढ़ाई और वहां पूजा अर्चना की। ऐसी मान्यता है कि अगर नुमाइश ग्राउंड के एक हिस्से में बनी मजार पर नुमाइश की शुरुआत से पहले चादर नहीं चढ़ाते तो अनिष्ट की आशंका बनी रहती है। लोगों के मुताबिक इसके कई उदाहरण बुलंदशहर में देखे गए हैं।  बताया जाता है कि अंग्रेजी हुकूमत के दौरान 27 वर्षीय जॉर्ज मार्टिन की मृत्यु के बाद यहां अक्टूबर महीने में एक मजार बनाई गई थी। इसके बाद से साल में एक महीने के लिए लगने वाली प्रदर्शनी का आयोजन किया जाता है। प्रदर्शनी से पहले जॉर्ज मार्टिन को याद कर उनकी मजार पर चादर चढ़ाई जाती है। मजार पर अगरबत्ती लगाकर जिला प्रशासन से कोई न कोई

चंडीगढ़ : जस्टिस मुरलीधरन की विदाई-आगमन, जुटी वकीलों की भीड़

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मु रलीधरन के विदाई समारोह में दिल्ली हाइकोर्ट में वकीलों की जिस तरह से भारी भीड़ उमड़ी वह न केवल प्रशंसनीय है अपितु सभी के लिए प्रेरणादायक भी है कि न्याय से बढ़कर कोई सत्य नहीं। इतना ही नहीं जब वे रेल से चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पहुंचे तो वहां भी भारी संख्या में वकीलों व आमजन ने पहुंचकर उनकी अगुवाई की। ऐसा नहीं है कि जनता कुछ देखती नहीं अथवा समझती नहीं। एक मुक़दमे की सुनवाई के दौरान सत्ताधीशों पर कुछ टिप्पणी मात्र से उन्हें दिल्ली से चंडीगढ़ भेज दिया गया। बेशक किसी भी अधिकारी का ट्रांसफर होना कोई सजा नहीं है, परंतु यह जब एकदम ऐसे अवसरों पर हो तो संदेह पैदा करती है । व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी के आईटी सेल ने जिस तरह से जस्टिस मुरलीधरन की पारिवारिक पृष्ठभूमि , विचारधारा तथा व्यक्तिगत जीवन को लेकर जो अफवाहें परोसी हैं, वे तो इन संदेहों की पुष्टि करती हैं ।  हरियाणा के दो प्रशासनिक अधिकारी प्रदीप कासनी व अशोक खेमका अपनी ईमानदारी का दंड इन्हीं ट्रांसफ़रों के रूप में भुगतते रहे हैं। यहां सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस वीआर कृष्णा अय्यर को उद्धरण करना जरूरी है कि यह कहना नीरा प