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Showing posts from May 7, 2021

Mahatma Gandhi : गांधी जी की अंतिम इच्छा खारिज ही रही !!

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गांधीजी की अंतिम इच्छा खारिज ही रही !!         महात्मा गांधी के आखिरी निजी सचिव (महादेव देसाई के निधन के बाद) रहे वेंकटरामन कल्याणम की 99 वर्ष की आयु में गत मंगलवार (4 मई 2021) को चेन्नई में मृत्यु हो गयी। इससे बापू की बहुचर्चित वसीयत फिर सार्वजनिक विमर्श में आ गयी। गांधीजी ने 73 वर्ष पूर्व (29 जनवरी 1948) को एक दस्तावेजी बयान कल्याणम द्वारा टंकित कराया था। इसमें सुझाया था कि 63—वर्षीय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को भंग कर लोक सेवा संघ के नाम से गठित किया जाये। वह दलगत राजनीति से परे जनकल्याण का माध्यम बने। यह बयान जवाहरलाल नेहरु तथा सरदार वल्लभभाई पटेल को अगले दिन देकर कांग्रेस के सम्मेलन में अनुमोदन हेतु पेश करना तथा क्रियान्वित करना था। सचिव प्यारे लाल जी को दायित्व सौंपा गया था कि वे इस दस्तावेज को प्रसारित करेंगे। मगर हत्यारे नाथूराम गोडसे की गोली ने राष्ट्रहित के इस प्रारुप को ही मिटा दिया। कांग्रेस पार्टी चुनावी सियासत के दलदल में धंसती रही। भ्रष्टाचार के उन्मूलन के लक्ष्य के लिये रचित बापू की कार्य योजना की भ्रूणावस्था में ही हत्या हो गयी। नेहरु डेढ़ दशक तक प्रधानमंत्री बने रहे।

Reservration in India : आरक्षण अनंत है ! हरि कथा की भांति !!

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आरक्षण अनंत है ! हरिकथा की भांति !!          उच्चतम न्यायालय ने अपने आज के निर्णय द्वारा जातिबध्द शोषण को कमजोर कर दिया। मराठों को पक्षपातपूर्ण आरक्षण देने वाले महाराष्ट्र सरकार के कानून को अवैध करार दिया। शिव सैनिक मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को दुविधा में डाल दिया। अब आरक्षण की आड़ में राजकोष की अंधाधुंध लूट में कुछ कमी आयेगी। गुण, अर्हता, क्षमता, नैपुण्य तथा पात्रता तो क्षत—विक्षत हो ही गयी थी। हालांकि महाराष्ट्र का यह कानून रचा था महाराष्ट्र के विदर्भवासी ऋगवेदी ब्राह्मण पूर्व भाजपायी मुख्यमंत्री देवेन्द्र गंगाधर फडनवीस ने। कोर्ट का निर्णय था कि ठाकरे सरकार सिद्ध नहीं कर पायी कि सामाजिक तथा आर्थिक रुप से मराठे पिछड़े हैं। यह भी कहा कि पचास प्रतिशत आरक्षण के अर्थ हैं कि समाज के वर्गों को समानता नहीं, वरन जाति के आधार पर लाभ दिया जा रहा है। इस फैसले से अब दबंगों और जातिवादी माफियाओं की ताकत घटेगी।          यूं आरक्षण नीति भारत के स्वाधीन होने के दिन से ही घालमेलवाली रही। डा. राममनोहर लोहिया ने जब नारा दिया था कि ''सोशलिस्टों ने बांधी गांठ, पिछड़ा पावे सौ में साठ'', तो उस

Chaudhry Ajit Singh : चौधरी साहब का खूब मिला प्यार : हरपाल पंवार

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 चौधरी साहब का खूब मिला प्यार  पूर्व केंद्रीय मंत्री व राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं वरिष्ठ किसान नेता आदरणीय चौधरी अजीत सिंह जी का आज निधन हो गया। मेरा और चौधरी अजीत सिंह जी का जुड़ाव सन 1983 से था, जब में आदरणीय चौधरी चरण सिंह जी के सानिध्य में काम करता था और अखिल भारतीय किसान कामगार सम्मेलन का राष्ट्रीय महामंत्री था। तभी से लगातार चौधरी अजीत सिंह जी के सम्पर्क में रहा। आदरणीय चौधरी चरण सिंह जी के बीमार पड़ने के बाद चौधरी अजीत सिंह जी ने पार्टी की ज़िम्मेदारी सम्भाली और हम सभी उस समय के चौधरी चरण सिंह जी के सिपाही, अजीत सिंह जी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चले।  मुझे हमेशा चौधरी अजीत सिंह जी का प्यार और साथ मिला और उन्ही के आशीर्वाद से 1989 और 1991 में कैराना से लोकसभा सांसद बनने का मौक़ा मिला। देश के कद्दावर नेता चौधरी अजीत सिंह जी सार्वजनिक जीवन में हमेशा जनता और जमीन से जुड़े रहे और साथ ही किसानों व मजदूरों के हितों के लिए संघर्ष भी करते रहे। किसानों के लिए उनका संघर्ष व खेतिहर के लिए विशेष योगदान देश सदैव याद रखेगा।  शोकाकुल परिवार और समर्थकों के प्रति मेरी संवेदनाएं।प्

Journalist Arvind Kumar Singh : संसदीय पत्रकारिता के विरल हस्ताक्षर अरविंद कुमार सिंह

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