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Showing posts from April 14, 2020

Ambedkar Jaynti : यूपी के घरों में मनी अंबेडकर जयंती

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यूपी के विभिन्न शहरों मेरठ, बुलंदशहर, शामली और गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर आदि में डॉ अंबेडकर के अनुयायी बाबा साहेब की जयंती अपने घरों में मनाते हुए।

TIME Video : जीवन चलने का नाम, समय का हर पल महत्वपूर्ण

पूरी दुनिया में कोरोना के चलते लॉकडाउन से सबकुछ बंद हो गया है। शहर हो या सड़कें, गांव हों या गलियां सभी जगह बस सन्नाटा पसरा हुआ है। इसी बीच एक पुराने मित्र ने ये वीडियो भेजा है, जिसमें समय की गति, संतुलन और तालमेल एक अच्छे गीत के साथ दर्शाया है। उम्मीद है आपको भी बहुत पसंद आएगा।             

Ambedkar Jaynti : घरों में मनाई जा रही अंबेडकर जयंती

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भारत में हर साल 14 अप्रैल को भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती बड़ी धूमधाम से मनती है। शहरों, गांवों में शोभायात्राएं निकाली जाती हैं। इस बार कोरोना के चलते भारत भी पूरी दुनिया के साथ लॉकडाउन है। सड़कों पर कोई नहीं दिख रहा है तो देश में डॉ. अंबेडकर जयंती घरों में मनाई जा रही है। अंबेडकर अनुयाइयों के घरों में दिवाली जैसा उत्सव मनाया जा रहा है।  बाबा साहेब के  चित्रों  पर माल्यार्पण कर  श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है। घरों में रोशनी की गई है और आतिशबाजी छोड़ी जा रही है। देशभर मिल रही जानकारी के मुताबिक घरों में मन रही जयंती कार्यक्रमों की कुछ झलकियां।                                                                                                                       ...

Dr. Ambedkar jaynti : बाबा साहेब ने दलितों, महिलाओं और मजदूरों को दिलाया सम्मान और बराबरी का अधिकार

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असाधारण प्रतिभा के धनी दुनिया के महानतम विद्वान, युगप्रवर्तक बाबा साहेब का जन्म 14 अप्रेल 1891 को एक दलित परिवार में हुआ था। उस समय भारत में दलितों के साथ भारी भेदभाव, छुआछूत घृणा और असमानता का व्यवहार होता था तथा उन्हें जानवर से भी ज़्यादा बदतर समझा जाता था। बाबा साहेब ने इस तिरस्कार, असमानता और दुर्व्यवहार को जीवन पर्यन्त झेला। दलित समाज की भारी दुर्गति व नारकीय जीवन देख उन्हें असीम पीड़ा हुई। इस तरह दलितोत्थान उनके जीवन का मुख्य संकल्प बना। उनकी सोच थी कि एक समग्र शिक्षित भारतीय समाज ही अखंड और मज़बूत भारत का निर्माण कर सकता है। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर में गज़ब का अदम्य साहस और अदभुत विद्वता थी। बाबा साहेब की अदभुत योग्यता एवं तार्किक शक्ति को ध्यान में रखकर कांग्रेस के उच्चस्तरीय नेताओं ने विशेष रूप से महात्मा गाँधी, जवाहर लाल नेहरू एवं डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद ने उनको संविधान सभा का प्रतिनिधित्व करने हेतू महाराष्ट्र से चुने गए प्रतिनिधि श्री जयकर से इस्तीफा दिलवाकर डॉक्टर अंबेडकर को कांग्रेस के समर्थन से संविधान सभा का प्रतिनिधि बनाया और संविधान प्रारूप कमेटी का उनको चेयरमैन भी ...

Corona Lockdown : तीन मई तक बढ़ा लॉकडाउन, 20 के बाद सीमित क्षेत्रों में सशर्त सीमित छूट दी जाएगी

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कोरोना पर PM मोदी ने किया ऐलान- 3 मई तक बढ़ा लॉकडाउन, 20 अप्रैल से सीमित क्षेत्रों में सशर्त सीमित छूट भारत में जारी कोरोना कहर के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशव्यापी लॉकडाउन की अवधि को 3 मई तक बढ़ाने का फैसला लिया है। कोरोना वायरस लॉकडाउन के 21वें दिन देश के नाम संबोधन में मंगलवार को सुबह 10 बजे पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए देश में 3 मई तक लॉकडाउन जारी रहेगा। हालांकि, उन्होंने कहा कि 20 अप्रैल के बाद कुछ सीमित सेक्टर्स में सशर्त सीमित छूट दी जा सकती है। मगर कोरोना वायरस के मामलों में कमी नहीं दिखने पर इसे वापस ले लिया जाएगा। पीएम मोदी ने कहा कि देश पूरी मजबूती के साथ कोरोना वायरस महामारी से लड़ रहा है। जिस तरह से देशवासियों ने त्याग और तपस्या का परिचय दिया है, वह कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अहम है। इससे पहले प्रधानमंत्री ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए 24 मार्च को 21 दिन के देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी, जिसकी अवधि मंगलवार यानी आज खत्म हो रही है। तीन मई तक बढ़ा लॉकडाउन पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना जिस तेजी से फैल रहा है उसने दुनियाभर...

राहुल गांधी चाहते हैं लॉकडाउन में राहत, बड़े स्तर पर टेस्ट

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कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने लॉकडाउन में राहत की पैरवी करते हुए कहा है कि किसानों, श्रमिकों, दिहाड़ी मज़दूरों, व्यापारियों, सभी को एक पैमाने से नहीं देखा जा सकता। पूर्ण लॉकडाउन कई वर्गों के लिए विपदा बन गया है। देश को “स्मॉर्ट” समाधान की ज़रूरत है। बड़े स्तर पर टेस्ट, वायरस हॉटस्पॉट की पहचान और घेराव, बाक़ी जगहों पर सावधानी से धीरे-धीरे काम-काज शुरू होना चाहिए। ट्वीट के जरिए राहुल के बयान को मीडिया ने प्रमुखता से लिया है।

भारत रत्न डॉ. अंबेडकर जयंती : शत शत नमन

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हेना चक्रबर्ती की पेंटिंग : आजादी की अलख

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जलियांवाला बाग़ हत्याकांड, अमृतसर के उपरांत महात्मा गांधी का  भारतीय राजनीति में अभ्युदय, हिन्दू-मुस्लिम एकता तथा दासता की जंजीरों को तोड़ने का सामूहिक संकल्प, गुरुदेव रबीन्द्र नाथ टैगोर की अंग्रेज़ी शासकों द्वारा दी गई नाईटहुड की उपाधि के परित्याग जैसे जीवंत वृतान्त को इस सुंदर पेंटिंग में प्रख्यात चित्रकार हेना चक्रबर्ती  ने अपनी तूलिका से सुसज्जित किया है।