India-China Border : लाल चीन में जनवाद पर खतरा
लाल चीन में जनवाद पर खतरा के. विक्रम राव उत्तरी बीजिंग के प्रतिष्ठित शिंगहुआ विश्वविद्यालय में कल (6 जुलाई 2020) भोर में, पौ फटने के पहले ही, चीनी जनवादी पुलिस के आठ सिपाहियों ने साठ-वर्षीय प्रोफेसर शु झान्ग्रून को उनके शयनकक्ष से हिरासत में ले लिया| अनजान स्थान पर कैद में हैं| न्यायशास्त्र और विधिविज्ञान के निष्णात इस वयोवृद्ध प्राचार्य पर अभियोग है कि वे वेश्यायों से संसर्ग कर रहे थे| इस पर उनकी पत्नी ने बताया कि बहुधा सत्ता के बौद्धिक आलोचकों पर यौन अपराध ही मढ़े जाते हैं| उनकी मान मर्यादा आसानी से मटियामेट हो जाती है| कल दोपहर को अकादमिक परिसर में खबर फैलते ही आक्रोशित प्रतिक्रियायें हुईं कि अब “चीन के विश्वविद्यालयों चुप्पी, सांठ-गाँठ और रूढ़िपालन ही जीवन शैली होगी|” सूत्र भी सुनाये गए: “हम सब लोगों की उदार सोच के इस प्रतीक (प्रोफ़ेसर झान्ग्रून) के उसूलों को ज्यादा दृढ़ बनाना कि : कहो सहजता से, जो बोलना चाहिए|” विश्वविद्यालय के अन्य प्राचार्यों, खासकर जेंग शियोनान, का चीन शासन पर आरोप है कि शी जिनपिंग के सरकारी तथा कम्युनिस्ट पार्टी के निर्णयों की आलोचना करते प...