Meaning of First Prime Minister Pt. Jawahar Lal Nehru ji's absence in India
नेहरू जी के न होने के मायने पं डित जवाहर लाल नेहरू विश्व इतिहास के उन विलक्षण व्यक्तियों में से एक है जिनकी सोच तथा विचार ने अपनी समय के सभी घटना चक्रों तथा पहलुओं को जहां एक और प्रभावित किया है वहीं दूसरी ओर अपने विचार प्रकट करने का भी मौका दिया है ।पंडित नेहरू की प्रासंगिकता पर यदि विचार करें तो निश्चित रूप से वे आज भी उतने ही प्रासंगिक है जितनी अपने समय में। उनके विचार किन्हीं जड़वादी सिद्धांतों अथवा बेतहाशा क्रांतिकारीता पर न होकर विज्ञान सम्मत यथार्थ पर आधारित थे। यदि किसी रूप में उन पर किसी वाद का ठप्पा लगाए जाने का प्रयास किया जाए तो उनकी सर्वागीणता को एक तंग नजरिए से देखना होगा। इसलिए तमाम प्रगतिशील विचारधाराएं तथा वाद उन्हें अपना जामा पहनाने के प्रयास करते हैं। परंतु नेहरू को वे अपने जामे से बाहर पाते हैं ।वे मार्क्सवादी नहीं थे ,परंतु मार्क्सवाद से प्रभावित जरूर थे ।गांधी जी के अनन्य प्रिय शिष्यों में एक होते हुए भी वे बापू की हर बात से सहमत हो, ऐसी बात न थी। तब भी महात्मा गांधी जी ने ...