विहाग वैभव को सम्मान
2018 का भारतभूषण अग्रवाल प्रतिष्ठित पुरस्कार मात्र 25 वर्षीय (30 अगस्त, 1994) बनारस में शोधछात्र विहाग वैभव को उनकी ‘तद्भव’ पत्रिका में प्रकाशित कविता ‘चाय पर शत्रु सैनिक’ के लिए दिया जायेगा। यह अब तक के सबसे कम उम्र के कवि को प्रदान किया जाने वाला पुरस्कार है । हिंदी साहित्य के इस ताज़ा झोंके विहाग को इसके लिए अशेष शुभकामनाएँ । 'चाय पर शत्रु – सैनिक' उस शाम हमारे बीच किसी युद्ध का रिश्ता नही था मैनें उसे पुकार दिया – आओ भीतर चले आओ बेधड़क अपनी बंदूक और असलहे वहीं बाहर रख दो आस-पड़ोस के बच्चे खेलेंगें उससे यह बंदूकों के भविष्य के लिए अच्छा होगा वह एक बहादुर सैनिक की तरह मेरे सामने की कुर्सी पर आ बैठा और मेरे आग्रह पर होंठों को चाय का स्वाद भेंट किया मैंनें कहा – कहो कहाँ से शुरुआत करें ? उसने एक गहरी साँस ली , जैसे वह बेहद थका हुआ हो और बोला – उसके बारे में कुछ बताओ मैंनें उसके चेहरे पर एक भय लटका हुआ पाया पर नजरअंदाज किया और बोला – उसका नाम समसारा है उसकी बातें मजबूत इरादों से भरी होती हैं उसकी आँखों में महान करुणा का अथ...