खगड़िया (बिहार) जिला स्थित केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के पैतृक गांव शहरबन्नी के निकट कमला बागमती नदी के फुलतोड़ा घाट पर उनके छोटे भाई स्व. रामचंद्र पासवान के अस्थि विसर्जन के दौरान, अपने लोकप्रिय नेता को अंतिम विदाई देने के लिए लोगों का जनसैलाब उमड़ पड़ा और रामचंद्र पासवान अमर रहें के नारों से आसमान गूंज उठा। पटना शोक सभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत मंत्री विभिन्न दलों के नेताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की।
PAGDANDI KA GANDHI
मुबाहिसा : राजेन्द्र मौर्य. "पगडंडी का गांधी" लो कतंत्र की यही ताकत है, जिसमें किसान, मजदूर, व्यापारी कोई भी वह साधारण से साधारण व्यक्ति देश का प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, मंत्री बन सकता है, जिसे जनता चाहती है। और जनता जिसे नकार दे तो वह बड़े से बड़े पद से बेदखल कर दिया जाता है। 1977 में इंदिरा गांधी को बुरी तरह हराने समेत इतिहास ऐसे तमाम उदाहरणों से भरा पड़ा है। इन दिनों भाजपा के दो कामदारों ने भारत को कांग्रेसमुक्त का नारा दिया हुआ है। यह नारा दरअसल नेहरू-गांधी परिवार से मुक्ति का है, जिसे पहले भी कई बार दिया चुका है पर जिसे जनता चाहती है तो फिर उसका कोई भी कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। पंडित जवाहरलाल नेहरू की मौत के बाद इंदिरा गांधी अपनी राजनीतिक स्वीकार्यता से आगे बढ़ीं और उनके साथ ही संजय गांधी ने भी अपनी नेतृत्व क्षमता को साबित किया, जहां वह 1977 में इंदिरा गांधी की हार के बड़े कारण बने वहीं 1980 में कांग्रेस की वापसी का भी काफी श्रेय उन्हीं को जाता है। मुझे वर्ष 1980 में अपनी बा...
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