अमेरिका में भारतीय मेला रेडमण्ड, वाशिंगटन में एक भारतीय मेले में जाने का अवसर मिला । यह मेला अमेरिका में रह रहे प्रवासी भारतीयों के विभीन्न संगठनों ने वैदिक कल्चर सेंटर व सिंगापुर एयरलाइन्स की मदद से लगाया हुआ था और मेला का नाम दिया था *आनंद मेला* । मुझे यहाँ आकर कतई भी यह अहसास नही हुआ कि हम विदेश में है । हजारों भारत वंशी अपनी इलाकाई अथवा धार्मिक विभिन्नता को नजरंदाज करके इसमे शिरकत कर रहे थे । मेला में वह सब कुछ था जो मेरे शहर पानीपत के देवीमन्दिर के मेले में होता है । हर तरह के सामान ,कपड़ो , खिलोने की छोटी -२ दुकानें , चाट ,पकोड़ी ,गोलगप्पे , डोसा ,इडली व बड़े के स्टाल ,जहाँ पर खरीदने व खाने वालों की लंबी -२ लाइन लगी थी । बस एक अंतर रहा कि यहां हमारी तरह धक्का मुक्की नही थी । क्या ये सब कुछ अलग तरह के हिंदुस्तानी थे, जी बिल्कुल भी नही ,ये वे ही थे जो भारत में किसी अनुशासन में नही होते । जहां खाया वहीं फेंका और आगे चलते बने पर यहां वे ऐसा नही करते । छोटा सा कागज का टुकड़ा भी वे कहीं भी इधर उधर न फेंक कर डस्ट बिन में ही डालते है । हर जगह तीन तरह के डिब्बे...