लो देखो गुजरात मॉडल -राजेन्द्र मौर्य- काफी अर्से तक भारतीय बाजार में कुछ ब्रांड नेम इतने चले कि लोगों में उत्पाद का नाम ही ब्रांड नेम बन गया। इसकेउदाहरण कोलगेट पेस्ट, सर्फ वाशिंग पावडर, लाइफबॉय साबुन आदि। समय केसाथ बाजार में तमाम ब्रांड आए और टीवी के जरिए उन्होंने अपनी जगह बाजार में बनाई। तो पुराने ब्रांडों ने अपने को रिलांच किया। इनमें एक साबुन ने लगभग बाजार से गायब होने की स्थिति पर जब अपने को रिलांच किया तो लोगों को सपना दिखाया कि इसके प्रयोग से कीटाणुओं से मुक्ति मिलेगी। रिलांचिंग में यह साबुन खूब बिकी, लेकिन जैसे ही इसकेउपयोग से असलियत खुली तो साबुन दुबारा टायलेट सोप बनकर रह गई। देश में पिछले ...
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Showing posts from June 22, 2014
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मातृ मृत्यु रोजाना लगभग 800 माताओं की प्रसव के दौरान पर्याप्त रक्त न मिल पाने के कारण मौतें होती हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के अनुसार पूरी दुनिया में प्रतिदिन लगभग 800 माताएं प्रसव के दौरान पर्याप्त रक्त न मिल पाने के कारण दम तोड़ देती हैं. संगठन के अनुसार दुनिया में मातृ मृत्यु के 99 फीसदी मामले विकासशील देशों में पाये जाते हैं इनमें से ज्यादातर मामले अफ्रीका के उप-सहारा क्षेत्र और दक्षिण एशिया से आते हैं. भारत में सबसे ज्यादा मातृ मृत्यु होती है. रक्त समूह प्रणाली के खोजकर्ता और नोबेल पुरस्कार से नवाजे जा चुके कार्ल लैंडस्टाइनर के जन्मदिन के अवसर पर हर साल 14 जून को 'विश्व रक्तदाता दिवस' के रूप में मनाया जाता है.
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इंसेफेलाइटिस को केंद्र सरकार महामारी घोषित कर सकती है पटना। केंद्रीय खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान मंगलवार को मुजफ्फरपुर पहुंच। जहां उन्होंने कहा कि इंसेफेलाइटिस को केंद्र सरकार महामारी घोषित कर सकती है। दरअसल केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान मुजफ्फरपुर में इंसेफेलाइटिस पीड़ितों का हाल जानने के लिए एसकेएमसीएच और केजरीवाल अस्पताल पहुंचे थे। उन्होंने अस्पताल के डॉक्टरों को बीमारी पर काबू पाने के निर्देश भी दिए। इंसेफेलाइटिस से अब तक 111 लोगों की मौत हो चुकी है। मुजफ्फरपुर के अलावा राज्य के दूसरे हिस्सों में भी यह बीमारी पांव पसार रही है।