The spirit of The Game should be in politics
खेल की भावना सियासत में हो ! के. विक्रम राव ठीक बाईस वर्ष पुरानी क्रिकेट गेंदबाजी की घटना है। क्रिकेट मैच का वाकया है। नयी दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान का। जैसे एजाज पटेल ने परसों (4 दिसम्बर 2021)न्यूजीलैण्ड के लिये दस भारतीय विकेट लेकर मुंबई में इतिहास रच डाला। वे विश्व के तीसरे गेंदबाज हो गये। कई वर्षों पूर्व जिम लेकर (आस्ट्रेलिया) ने ऐसा करतब दिखाया था। मगर मुंबई में अनिल कुम्बले ने 7 फरवरी 1999 को यही किया था। भारतीयों में खिलाड़िवाली उदारमना की भावना होती है। हालांकि राजनीति में ऐसा सर्जाना कठिन है, क्योंकि राजनेता का दिल तंग होता है, जिसमें फैलाव जरूरी है। जिक्र जब हृदय के आकार का है तो स्काटलैण्ड के मानवशास्त्री सर आर्थर कीथ का निष्कर्ष ठीक लगता है कि विश्व इतिहास की धारा की दिशा आसमानी घटनाएं नहीं, बल्कि लोगों के दिल में उपजी बातें तय करती हैं। इसी सिलसिले में खेल जगत तथा राजनीतिक क्षेत्र से कुछ उदाहरणों पर गौर करें तो एक खलिश-सी होती है कि उन सब सियासतदां में खेल वाला मिज़ाज क्यों नहीं उभरता है? शायद अपने साथियों के ...