Nari Shakti: एक सच, जिससे पुरुष अनजान
एक सच, जिससे पुरुष अनजान डॉ. पुष्प लता एक सच जो पुरुष नहीं जानता जब स्त्री बच्चे को जन्म देती है तो उसकी देह लगभग निर्जीव हो जाती है वह बैठने की हालत में नॉर्मल में भी नहीं होती ऑपरेशन में तो और भी मुश्किल उसी वक्त उसके ऊपर एक शिशु की जिम्मेदारी उसे उसे बैठकर ही दूध पिलाना होता है वरना उसके कान में जा सकता है।वह भी हर वक्त क्योंकि शिशु एक घण्टे में दूध पीता है एक आधा घण्टा डकार दिलाने में वरना उसकी सांस की नली में दूध जा सकता है। उसकी बड़ी सुई के छेद जितनी नाक दबकर दम घुट सकता है क्योंकि मुँह से सांस वह दूध पीते हुए नहीं ले सकता । प्रकृति ने माँ का दूध ऐसा बनाया वह हर वक्त भी पिये नुकसान नहीं करता।आदमी का बच्चा सबसे कमजोर होता है ।वह दो घूँट पिए सो गया ऐसे चलता है।वह लेटने को होती है वह दोबारा चीखने लगता है।अधिकतर शिशु असुरक्षित महसूस करते हैं मुँह में दूध लेकर ही सोते हैं बिस्तर पर लेटाते ही चीखने लगते हैं । वह माँ से दूध से जुड़कर सुरक्षित महसूस करते हैं मर्जी में आया पिया मर्जी में आया सो गया ।मुँह में लॉक लगा लेता है जिससे अल...