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Showing posts from November 12, 2019

Chattisgarh : Draft Law on the Protection of journalists

This copy of the Draft Law on the Protection of Journalists being prepared by a committee appointed by the Chhattisgarh Government and headed by Former Judge of the Supreme Court: Justice Aftab Alam. The Committee has invited  representation on 16.11.2019 to offer comments and suggestions. It will sit from 12:30 pm at Pahuna, CG Govt Guest House, Raipur. First the Media organisations and persons will be given time. Later from 3:30 citizens and other organisations. Draft Bill is attached herewith for your information and suggestions. It may be recalled that the CG PUCL and the Partaker Suraksha Kanoon Sanyukt Sangharsh Samiti had initiated the process of drafting A Bill on this important concern and finally presented the Draft Law in February 2019 at a National Convention held at Raipur.

मां तो मां है : उसे भी आपके साथ की जरूरत

यह वीडियो को पूरी देखें। 

NEW Delhi : JNU students clash with the police as they protest against fee hike

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The Jawaharlal Nehru University Students’ Union (JNUSU) protest against the new hostel manual and fee hike, which has recently been passed by the university, has entered its third week. Meanwhile, Vice President Venkaiah Naidu and Union HRD minister Ramesh Pokhriyal attended the convocation ceremony.

गुरु नानक देव : 550वां प्रकाश पर्व

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आज बाबा गुरुनानक देव का 550वां प्रकाशोत्सव है, असल में बाबा ने किसी पंथ का प्रारंभ नहीं किया था- वह तो एक विचार थे -- सारी दुनिया में उस समय भी धर्म-पन्थ के नाम पर टकराव था- बाबा नानक अपनी चार उदासियीं में कोई २४ हज़ार किलोमीटर दुनिया दे दो महाद्वीप के चप्पे चप्पे पर गए -- हर मत को मानने वाले पीर- पुजारी- संत - फकीर- सूफी से मिले और सभी को इस बात के लिए सहमत किया कि भले ही आपका जन्म और विशवास किसी भी धर्म में हो-- सर्वशक्ति एक ही - एक  नाम ओंकार --- . यही नहीं उन्होंने सभी पंथों के बीच सतत संवाद की अनिवार्यता को भी स्थापित किया . बाबा नानक एक आम किसान की ही तरह अपना जीवन बिताते रहे , अभी करतारपुर साहेब में वह राहत देखि जा सकती है जिससे वे खुद अपने खेतों को सींचते थे . इस बार का गुरु पर्व महज ५५० साल के लिए याद नहीं रखा जाएगा- देख लेना- बाबा नानक ने इस दिन के रास्ते दोनों मुल्कों का राब्का खोल दिया है , ज़रा उन लोगों से मिलें जो उस तरफ दर्शन कर आये हैं -- बूढी आँखे, उम्मीदों में सरहद पार से आये लगों में अपने पिंड, यादें, खेत, अपने पूर्वजों की कब्रें खोजती हैं, इस तरफ के किसी ...