सवाल तो विपक्ष का मजबूत है कि अपने देश के सांसदों को आप कश्मीर में घुसने से रोक रहे हो और युरोपीय संघ के सांसदों की मेहमान नवाजी की जा रही है। जिसकी पूरे देश में विपक्ष निंदा कर रहा है। इन सांसदों की यात्रा का ही परिणाम माना जा रहा है कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी जम्मू एंड कश्मीर में मानवाधिकार बहाल करने की बात कही है। मोदी सरकार को चाहिए कि देश के सांसदों और अन्य जनप्रतिनिधियों को भी कश्मीर घाटी के हालात देखने जाने की इजाजत दे।