LJP : राजू तिवारी बने बिहार लोजपा के अध्यक्ष
- राजू तिवारी बने बिहार लोजपा के अध्यक्ष
चिराग पासवान और चाचा पशुपति पारस के बीच पार्टी के मालिकाना हक को लेकर विवाद छिड़ा है। पांच सांसदों को अपने पाले में करके पशुपति पारस ने पार्टी की कमान अपने हाथों में लेने का मूड बनाया हुआ है।
विवादों के बीच चिराग पासवान ने राजू तिवारी को बनाया बिहार LJP का अध्यक्ष घोषित कर दिया है। लजेपी में टूट के बाद जारी सियासी घमासान के बीच चिराग पासवान ने बड़ा फैसला लिया है. चिराग ने पार्टी नेता राजू तिवारी को बिहार एलजेपी की जिम्मेदारी सौंपी है. चिराग पासवान ने पत्र जारी कर इस बात की जानकारी दी है. बतौर एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने पत्र जारी कर कहा, " राजू तिवारी, मुझे आपको लोक जनशक्ति पार्टी का बिहार इकाई का प्रदेश अध्यक्ष मनोनीत करते हुए अत्यधिक प्रसन्नता हो रही है. मुझे विश्वास है कि आपके कुशल नेतृत्व द्वारा बिहार इकाई में लोक जनशक्ति पार्टी सुदृढ़ होगी."
- राजू तिवारी ; जिनके सहारे चाचा से निपटने की फिराक में चिराग
बिहार में लोजपा के भीतर घमासान जारी है। चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति कुमार पारस के बीच खींचतान बढ़ती जा रही है। इस बीच चाचा पशुपति कुमार पारस से मिल रही राजनीतिक चुनौती से निपटने के लिए लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के चिराग गुट ने पूर्व विधायक राजू तिवारी को कार्यकारी अध्यक्ष से अब पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया है।
चिराग पासवान ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं अपने चचेरे भाई प्रिंस राज को कल ही पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहने के कारण दल से निष्कासित कर दिया था।
बता दें कि तिवारी पूर्वी चंपारण जिले के गोविंद गंज से विधायक रह चुके हैं और पासवान के करीबी माने जाते हैं। तिवारी पिछले विधानसभा चुनाव में हार के बावजूद हमेशा पार्टी के अहम पद पर रहे हैं।
चुनावी हलफनामे के मुताबिक राजू तिवारी एमए पास हैं। उनका मुख्य कार्य खेती हैं और करोड़पति भी हैं। राजू तिवारी की सबसे बड़ी पहचान है कि वो बाहुबली राजन तिवारी के बड़े भाई हैं। साल 2000 में राजन तिवारी गोविंदगंज से निर्दलीय चुनाव जीते थे। 2015 बिहार विधानसभा चुनाव में राजू तिवारी एलजेपी की टिकट पर सदन पहुंचे। लेकिन साल 2020 में चुनाव नहीं जीत सके, बीजेपी से हार गए।
- पार्टी के मालिकाना हक को लेकर विवाद
बता दें कि चिराग पासवान और चाचा पशुपति पारस के बीच पार्टी के मालिकाना हक को लेकर विवाद छिड़ गया है. पांच सांसदों को अपने पाले में करके पशुपति पारस ने पार्टी की कमान अपने हाथों में लेने का मूड बना लिया है. हालांकि, चिराग अपने पोजिशन को छोड़ने को तैयार नहीं हैं
इसी क्रम में बुधवार को चिराग पासवान ने पीसी की. पीसी के दौरान उन्होंने अपने चाचा पशुपति पारस पर धोखा देने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा, " पापा (रामविलास पासवान) के जाने से अनाथ नहीं हुआ था. आज अनाथ महसूस कर रहा हूं. वो (पशुपति पारस) मुझे एक बार बोलते, मैं पद छोड़ देता." वहीं, चिराग ने सीधे तौर पर जेडीयू पर उनकी पार्टी को तोड़ने का भी आरोप लगाया ह
- जेडीयू पर लगाया आरोप
चिराग पासवान ने कहा, ''बिहार चुनाव के दौरान, उससे पहले भी, उसके बाद भी कुछ लोगों द्वारा और खास तौर पर जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) द्वारा हमारी पार्टी को तोड़ने का प्रयास निरंतर किया जा रहा था. मेरी पार्टी के पूरे समर्थन के साथ मैने चुनाव लड़ा. कुछ लोग संघर्ष के रास्ते पर चलने के लिए तैयार नहीं थे. मेरे चाचा ने खुद चुनाव प्रचार में कोई भूमिका नहीं निभाई. मेरी पार्टी के कई और सांसद अपने व्यक्तिगत चुनाव में व्यस्त थे.''
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